राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ता प्रदूषण लोगों को परेशान कर रहा है। हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। दिल्ली में मंगलवार को भी कोहरा छाया रहा, जिससे कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर श्रेणी’ में पहुंच गई। दिल्ली का धीरपुर का AQI 594 ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया। नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर श्रेणी’ में 444 दर्ज किया गया। गुरुग्राम में भी हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पाई गई, जहां एक्यूआई 391 यानी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
नई पाबंदियां लागू
बता दे, प्रदूषण का स्तर जनवरी के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर रहा है। दिल्ली के कुछ इलाकों में सांस लेना बहुत मुश्किल हो रहा है। कुछ स्थानों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के के पार पहुंच चूका है। इसी वजह से दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप को तीसरी स्टेज पर लागू कर दिया गया है। वहीं, दिल्ली और इससे सटे शहरों में नई पाबंदियां लागू कर दी गई है।
केवल आवश्यक परियोजनाओं को छूट
दिल्ली का एक्यूआई मंगलवार सुबह बेहद खराब श्रेणी में 385 दर्ज किया गया है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सोमवार को 392 पर बेहद खराब श्रेणी में दर्ज़ किया गया था । रविवार को AQI 352 था । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बिगड़ने के साथ, केंद्र की वायु गुणवत्ता समिति ने अधिकारियों को दिल्ली एनसीआर में निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। केवल आवश्यक परियोजनाओं को छूट दी जाएगी।
बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत
दिल्ली की जनता पिछले पांच दिनों से भीषण प्रदूषण का सामना कर रही है। सोमवार को राजधानी दिल्ली के 17 इलाकों में हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई थी। वहीं, वायु गुणवत्ता विशेषज्ञ भी इसके लिए पराली जलाने की घटनाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हवा की गुणवत्ता बिगड़ने से फेफड़े, सांस, अस्थमा और हृदय रोगियों, बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।