लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दिल्ली : सरोज अस्पताल में प्रार्थना और पुलिस की मदद से 100 मरीजों की जान बची

दिल्ली के सरोज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में शनिवार की दोपहर माहौल गमगीन था, तेजी से खत्म हो रही ऑक्सीजन से 100 जिंदगियों की डोर अटकी थी जिससे निराश कर्मचारी प्रार्थना करते नजर आए।

दिल्ली के सरोज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में शनिवार की दोपहर माहौल गमगीन था, तेजी से खत्म हो रही ऑक्सीजन से 100 जिंदगियों की डोर अटकी थी जिससे निराश कर्मचारी प्रार्थना करते नजर आए।कर्मचारियों द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए घंटो की गई कड़ी मेहनत और सरकार और पुलिस को किए गए फोन कॉल की वजह से आखिरकार ऑक्सीजन का टैंकर अस्पताल पहुंचा।
हालांकि, ऑक्सीजन का टैंकर पहुंचने के बाद भी समस्या कम नहीं हुई क्योंकि इसे अस्पताल के ऑक्सीजन टैंक तक ले जाने में मुश्किल आ रही थी क्योंकि उसका आकार सामान्य से अधिक था, इसलिए रैम्प के एक हिस्से को तोड़ना पड़ा।अस्पताल में दोपहर को ऑक्सीजन की कमी हो गई और आपूर्तिकर्ता से ऑक्सीजन की नयी खेप नहीं आई थी।अस्पताल के माहौल में तनाव था क्योंकि सभी को जयपुर गोल्डन अस्पताल की त्रासदी दोबारा होने का डर सता रहा था जहां पर ऑक्सीजन की कमी से 20 मरीजों की मौत हो गई थी।अस्पताल के मालिक पंकज चावला ने कहा, ‘‘ हमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें।’’
उन्होंने कहा,‘‘ यह समय था जब हमने मरीजों को छुट्टी देना शुरू कर दिया। हमनें परिवारों को बताया कि हमारे पास ऑक्सीजन नहीं है और वे अपने मरीजों को किसी अन्य अस्पताल में ले जाएं।’’चावला ने कहा कि अस्पताल भरोसे के साथ चलता है, इस समय तक 34 मरीजों को छुट्टी दी गई और बाकी मरीज वेंटिलेटर पर थे, उनके परिवारों को ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करने को कहा गया।उन्होंने बताया, ‘‘अधिकतर मरीजों ने कहा, ‘हम यहीं रहेंगे… यही स्थिति सभी जगह है। देखते हैं क्या होता हैं। 34 मरीज चिकित्सा के लिहाज से जाने की स्थिति में थे।’’
अस्पताल ने तुरंत राहत के लिए उच्च न्यायालय का भी रुख किया लेकिन तत्काल मदद नहीं मिली। विभिन्न अस्पतालों से ऑक्सीजन सिलेंडर लिए गए जबकि दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने पृष्ठभूमि में काम किया।बाद में दिल्ली सरकार ने साझेदारी के आधार पर टैंकर आवंटित किया।चावला ने बताया, ‘‘टैंकर अस्पताल आया लेकिन यह इतना बड़ा था कि हमारे एलएमओ (तरल चिकित्सा ऑक्सीजन) टैंक के पास नहीं जा सका।’’उन्होंने कहा, ‘‘ हमने इलेक्ट्रानिक हथौड़े और हमारे पास जो कुछ भी था उससे दीवार और रैंप तोड़नी शुरू की लेकिन इसमें समय लग रहा था और टैंकर को तीरथ राम शाह अस्पताल भी जाना था।’’
सरकारी अधिकारी ने अस्पताल से कहा कि टैंकर करीब एक घंटे के बाद वापस आएगा।चावला ने उस क्षण को याद करते हुए कहा, ‘‘ उस समय लगा कि हमें कोई नहीं बचा सकता। हम सभी , हमारे डॉक्टर और कर्मचारी रुआंसे हो गए। हमारा भाग्य भी साथ छोड़ रहा था।’’तभी अस्पताल कर्मी और कुछ पुलिस कर्मी कुछ सिलेंडर भरने के लिए दौड़े।उन्होंने बताया कि 20 सिलेंडर दिल्ली परिवहन निगम की बस से लाए गए और उन्होंने करीब 40 मिनट तक काम किया और वास्तव में जान बचायी।चावला ने कहा, ‘‘इस बीच, हमने महापौर, दमकल विभाग से संपर्क किया…जेसीबी मशीन बुलाई और दीवार और रैम्प के हिस्से तोड़ दिए।’’पुलिस तीरथ राम शाह अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर टैंकर दोबारा लेकर आई।चावला ने बताया कि इस समय अस्पताल में 100 मरीज भर्ती हैं जिनमें से अधिकतर ऑक्सीजन पर हैं।उन्होंने कहा,‘‘ जयपुर गोल्डन की त्रासदी दोबारा हो सकती थी बल्कि उससे बड़ी त्रासदी हो सकती थी…पूरे समय मरीजों के परिवार साथ रहे और हमारी मदद की।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 − seven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।