नई दिल्ली : यह सच है कि दीवाली के बाद से देश के तमाम हिस्सों में पलूशन का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। किसी शहर में फैक्ट्रियों की वजह से पलूशन का स्तर बढ़ा हुआ है तो किसी शहर में निर्माण के कामों की वजह से। पलूशन पर रोक लगाने के लिए सरकार की ओर से जागरूकता फैलाई गई मगर वो नाकाफी साबित हुई।
आज के समय में दिल्ली-एनसीआर के इलाके में पलूशन का लेवल टॉप पर है। पंजाब में जलाई जा रही पराली खराब हुई हवा को और खराब करने में आग में घी डालने का काम कर रही है। इन दिनों देश के कई इलाकों की हवा में पलूशन का स्तर अपने चरम पर है। एयर क्वालिटी इंडेक्स का मानक 500 निर्धारित है तो कई शहर में ये इंडेक्स 400 से ऊपर पहुंच चुका है।
गाजियाबाद- 478
राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद शहर की स्थिति सबसे अधिक खराब है। सीपीसीबी की ओर से जारी आंकड़ों के हिसाब से बुधवार (30 अक्टूबर) को यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 478 था।
पानीपत-475
ये हरियाणा का शहर है। इस इलाके में काफी फैक्ट्रियां है। यहां का एक्यूआई 475 मापा गया है। इस वजह से पानीपत शहर को प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर रखा गया। अब सीपीसीबी के निर्देश के बाद यहां पर फैक्ट्रियों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बल्लभगढ़-467
ये शहर भी हरियाणा का है। दिल्ली से इसकी दूरी मात्र 57 किलोमीटर है। इस शहर का एक्यूआई 467 रिकार्ड किया गया, इस वजह से इसे प्रदूषण के मामले में पूरे देश में तीसरे स्थान पर रखा गया।
बागपत- 461
अब बात यूपी के शहरों की करते हैं। यूपी के बागपत शहर को प्रदूषण के मामले में चौथे स्थान पर रखा गया। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 461 मापा गया था।
मेरठ और बुलंदशहर दोनों में बराबर प्रदूषण
दिल्ली से जिन शहरों की जितनी अधिक दूरी है वहां पर प्रदूषण का लेवल में उतनी ही कमी है। दिल्ली से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मेरठ और बुलंदशहर में क्वालिटी इंडेक्स 430 मापा गया। इन दोनों शहरों में प्रदूषण का लेवल एक जैसा ही रिकार्ड किया गया। इसे देश का 9 वां सबसे अधिक प्रदूषित शहर बताया गया। इस शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 428 रिकार्ड किया गया। ये भी यूपी का एक शहर है और दिल्ली से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
दिल्ली 419 अब प्रदूषण के मामले में 10 वें शहर की बात करें तो इसमें राजधानी दिल्ली का नाम आता है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 419 मापा गया। दिल्ली का ये हाल तब है जहां पर पहले से ही दीवाली के दिन पटाखा न जलाने और प्रदूषण को बढ़ने से रोकने में सहयोग देने की अपील की गई।