दिल्ली में 9 वर्षीय बच्ची के साथ हुई दरिंदगी मामले पर चौतरफा सियासत जारी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज बच्ची के परिजनों से मुलाकात की। वहीं कांग्रेस नेता राहुल बच्ची के परिजनों से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर मुश्किलों में घिर गए हैं। बीजेपी ने तस्वीरें साझा करने को कानून का उल्लंघन बताते हुए उनके खिलाफ करवाई की मांग की है।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) से निवेदन कर राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, राहुल गांधी द्वारा जिस प्रकार से पोक्सो एक्ट के सेक्शन-23और किशोर न्याय देखभाल और बच्चों की सुरक्षा अधिनियम के सेक्शन-74 का उल्लंघन किया गया है, NCPCR उसका संज्ञान लें और राहुल गांधी को नोटिस जारी करे।
बीजेपी प्रवक्ता ने राहुल और केजरीवाल की इन मुलाकातों को निम्न स्तर की राजनीति करार देते हुए कहा कि दिल्ली में नांगल में एक छोटी बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ, हम इसकी घोर निंदा करते हैं। कानून-व्यवस्था इस पर सजग होकर काम कर रही है और 4 से ज़्यादा लोग गिरफ़्तार हो गए हैं। बलात्कार में राजनीति करने की कोशिश राजनीति का सबसे निम्न स्तर होता है।
राहुल के ट्वीट को लेकर कांग्रेस शासित राज्यों पर भड़के पात्रा
संबित पात्रा ने कहा, कल राहुल गांधी जी ने ट्वीट किया कि दलित की बेटी हिंदुस्तान की बेटी है। इसमें कोई दो मत नहीं है। उसे न्याय मिलना ही चाहिए। लेकिन क्या राजस्थान की दलित बेटी, छत्तीसगढ़ की दलित बेटी और पंजाब की दलित बेटी, जिसके साथ जघन्य अपराध होता है, क्या ये हिंदुस्तान की बेटियां नहीं हैं?
किसी राज्य के रेप के विषय में चिंता व्यक्त करना और किसी राज्य के रेप के विषय में चिंता प्रकट नहीं करना, ये देखते हुए कि किस राज्य में किसकी सरकार है ये भी अपने आप में एक जघन्य अपराध है। NCRB के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान बलात्कार में शीर्ष पर है। एनसीआरबी के अनुसार राजस्थान बलात्कार के मामलों में शीर्ष पर है। पिछले 6 महीनों में राजस्थान में बलात्कार के मामलों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
2020 में राजस्थान में 13,750 केस बलात्कार के हुए। गहलोत सरकार ने विधानसभा सत्र में बलात्कार पर हो रही चर्चा पर ये जवाब दिया था कि दलित महिलाएं बलात्कार के झूठे केस दर्ज कराती हैं। विधानसभा के पटल पर उन सारे एनजीओ पर उंगली उठाई गई थी, जो दलित अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ते हैं।