दिल्ली पुलिस ने उन दो मामलों में शुक्रवार को आरोप पत्र दायर किये जो गत फरवरी में उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए दंगों में दो भाइयों की हत्या से जुड़े हुए है। हत्या, आपराधिक साजिश और दंगे सहित विभिन्न अपराधों के लिए ये दोनों आरोप पत्र मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ऋचा परिहार के समक्ष दायर किये गये।
पहला मामला अकील अहमद की हिंसा में हुई हत्या से जुड़ा है जिसमें पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। हत्या (धारा 302), आपराधिक साजिश (120-बी), दंगा (147 और 148), डकैती (395) और सबूत नष्ट करने (201) सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आरोप पत्र दायर किये गये और इसमें अधिकतम सजा मृत्युदंड हो सकती है।
दूसरे मामले में, मृतक की पहचान मुशर्रफ के रूप में हुई है और दिल्ली पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कहा कि दोनों मृतक भाई थे। पहले मामले की अंतिम रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 26 फरवरी को रात लगभग साढ़े नौ बजे 40 वर्षीय अहमद न्यू मुस्तफाबाद में स्थित अपने घर लौट रहा था और जल बोर्ड पुलिया, भागीरथी विहार में भीड़ ने उसकी हत्या कर दी।
जांच के दौरान दूसरा मामले में पाया गया, ‘‘25 फरवरी, 2020, की रात लगभग आठ बजे दंगाइयों ने भागीरथी विहार क्षेत्र की बिजली काट दी। अंधेरे में भीड़ ने भागीरथी विहार के सी ब्लॉक में मुशर्रफ के घर पर हमला कर दिया और उसे घसीट कर सड़क पर ले गये और उसकी हत्या कर दी और उसके शव को एक खुले नाले में फेंक दिया।’’ रिपोर्ट में कहा गया है मुशर्रफ (40) ऑटो चालक/श्रमिक का काम करता था और उसके परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं।