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शुक्रवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता हुई और खराब

राष्ट्रीय राजधानी में कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के बाद शुक्रवार को वायु की गुणवत्ता में और भी गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 374 दर्ज किया गया जो कि एक दिन पहले 302 था।

राष्ट्रीय राजधानी में कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के बाद शुक्रवार को वायु की गुणवत्ता में और भी गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 374 दर्ज किया गया जो कि एक दिन पहले 302 था। पृथ्वी विज्ञान की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर’ के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 और 500 ‘गंभीर’ माना जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से विकसित ‘समीर’ ऐप के अनुसार दिल्ली में 10 निगरानी केंद्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया है। 
अलीपुर में यह सूचकांक 447, शादीपुर में 441, मुंडका में 419, वजीरपुर में 432, आनंद विहार में 405, बवाना में 413, विवेक विहार में 422, रोहिणी में 401, जहांगीरपुरी में 418 और पटपड़गंज में 405 दर्ज किया गया। सफर के अनुसार दिल्ली क्षेत्र हवा की गति बहुत शांत है और अगले दो दिन तक भी इसके ऐसे ही रहने का पूर्वानुमान है। सफर ने बताया, ‘‘ ऐसा पूर्वानुमान है कि 24 और 25 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ के उच्चतम स्तर और यहां तक कि ‘गंभीर’ श्रेणी को भी छू सकती है।’’ सफर ने बताया कि हरियाणा, पंजाब और पड़ोसी क्षेत्रों में पराली जलाए जाने में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है और बृहस्पतिवार को यह संख्या 1,213 थी। हवा की गति अभी प्रदूषक तत्वों को दिल्ली की तरफ धकेलने के लिए बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं है इसलिए आज पराली से दिल्ली में पीएम 2.5 का योगदान 17 फीसदी दर्ज किया गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि वायु की गुणवत्ता में और गिरावट दर्ज हो सकती है क्योंकि पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों की संख्या हवा में बढ़ रही है। पीएम 10 का व्यास 10 माइक्रोमीटर से कम होता है और पीएम का 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है। ये हवा में बेहद सूक्ष्म प्रदूषक कण है। 
आईएमडी के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद शर्मा ने कहा,‘‘वायु गुणवत्ता आगामी दो दिनों में यानी 24 अक्टूबर तक और खराब होगी। पराली जलाने के अलावा अन्य कारक भी हैं, जिससे वायु गुणवत्ता खराब हो रही है। इनमें वाहन प्रदूषण और अपशिष्टों को जलाना भी शामिल है।’’ 

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