नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में सोमवार को दिल्ली स्पोर्टस यूनिवर्सिटी बिल पास हो गया। इससे देश के युवाओं व खिलाड़ियों को खेल में देश का नाम रोशन करने का सपना पूरा हो सकेगा। बिल पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली स्पोर्टस यूनिवर्सिटी बिल केवल बिल या कागज का टुकड़ा नहीं है, यह देश के युवाओं व खिलाड़ियों का सपना है।
हम 70 साल में ओलंपिक में कुल 28 मेडल ला पाए हैं, उनमें 9 ही गोल्ड हैं। क्या हमारा देश अन्य देशों से कम है? नहीं। हमारा देश दुनिया का सबसे बेहतरीन देश है। दुनिया के सबसे बेहतर लोग और खिलाड़ी हमारे देश में हैं, कमी हमारी सरकारी व्यवस्था में है। उन देशों में खिलाड़ी को जो सहयोग सरकार से मिलता है वह भारत में नहीं मिलता। दिल्ली के उपराज्यपाल इस यूनिवर्सिटी चांसलर होंगे और भारत के राष्ट्रपति दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के विजिटर होंगे।
स्कूल से ही ले सकेंगे दाखिला
इस यूनिवर्सिटी के अर्न्तगत स्कूल भी खुलेंगे। जहां उन बच्चों को दाखिला मिलेगा, जिन्हें खेल में करियर बनाना है। इन स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों को फिर परीक्षा में पास होने की चिंता नहीं करनी होगी। यह यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी होगी कि बच्चे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाया जाए। साथ ही डिग्री भी मिले। स्कूल स्तर के शिक्षण के लिए सीबीएसई से इसकी संबद्धता होगी।
राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा
दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (डीएसयू) को राज्य विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया जाएगा। विश्वविद्यालय खेल का एक व्यापक इको-सिस्टम स्थापित करने का प्रयास करेगा। जिसमें सरकार, उद्योग खेल-संघ इत्यादि की शक्ति का निर्माण शामिल होगा। विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर शिक्षा और अनुसंधान शामिल होंगे।
विभिन्न खेलों में पेशेवर उत्कृष्टता के लिए सिस्टम और प्रक्रियाएं बनाना, कौशल विकास, खेल मनोरंजन और सामुदायिक गतिविधियां करना, प्रारंभिक चरण के खेल के लिए संस्थागत तंत्र विकसित करना और प्रतिभा विकास का प्रावधान होगा।
ये खेल प्रभाग पूरी तरह से विश्वस्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए सुसज्जित होंगे और खिलाड़ी बनने के इच्छुक व्यक्तियों को कोचिंग देंगे। केन्द्र में खेल उत्कृष्टता के लिए प्रशिक्षण के अलावा कोच भी तैयार होंगे। साथ ही यहां खेल में रिसर्च करने की सुविधा भी होगी।