देश की राजधानी दिल्ली के रोहिणी में संजय गांधी परिवहन नगर इलाके में मंगलवार शाम एक सीवर में गिरे चार लोगों को तमाम कोशिशों के बावजूद बचाया नहीं जा सका। बचाव कार्य में लगी एनडीआरएफ की टीम ने सुबह चार लोगों की शव बाहर निकाले। दरअसल एक निजी ठेकेदार के यहां काम करने वाले तीन मजदूर टेलीफोन केबल की मरम्मत करने के लिए घुसे थे जहां वह फंस गए। इन्हें निकालने गया रिक्शा चालक भी अंदर ही फंस गया।
पुलिस अधिकारी ने दी जानकरी
डीसीपी (बाहरी उत्तर) बृजेंद्र कुमार यादव ने बताया था कि , हमें शाम 6.34 बजे तीन श्रमिकों के बारे में एक पीसीआर कॉल आई, जो एमटीएनएल के तार बिछाने के काम में लगे थे और फिर वे संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में एक सीवर में घुसे थे। उन्होंने कहा, जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची, पूछताछ के बाद उन्हें पता चला कि तीनों श्रमिकों को बचाने के लिए सीवर के अंदर गया एक ऑटो चालक भी फंस गया। इस घटना की सूचना पुलिस के अलावा दमकल विभाग को भी मिली थी।
तीनों लोगों को निकालने के लिए गया था ऑटो चालक
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगवार शाम को सुपरवाइजर अपने दो मजदूरों बच्चू एवं पिंटू के साथ मौके पर मरम्मत करने गया था। करीब 15 फीट गहरे सीवर के ढक्कन को हटाकर बच्चू एवं पिंटू अंदर घुसे। सीवर में टेलीफोन के अलावा बिजली के भी तार थे। काफी देर तक नहीं निकलने पर पर सूरज उन्हें देखने के लिए सीवर में घुसा। लेकिन वह खुद भी फंस गया। यह सब देखने के बाद इन्हे बाहर निकालने के लिए एक ऑटो चालक भी गया लेकिन वो भी बहार नहीं आ पाया।
तारों की वजह से बचाव दल को करना पड़ा मुश्किलों का सामना
बता दें कि करीब 15 फीट गहरे सीवर में जहरीली गैस भरी पड़ी थी और इसके अलावा बिजली के तार भी थे जिनकी वजह से बचाव दल को काफी दिक्क्त जो रही थी। सभी लोगों के तारों के बीच में फंसे होने की आशंका थी। तारों की वजह से आ रही दिक्कत के लिए करीब ढाई घंटे बाद जेसीबी के जरिए सीवर को तोड़ने का काम शुरू हुआ। फिर पूरे तरीके से बचाव कार्य शुरू हो पाया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि, मरम्मत के लिए सीवर में घुसने के दौरान मजदूरों के पास जरूरी सुरक्षा उपकरण नहीं थे। जबकि गैस सिलेंडर और अन्य बाडी प्रोटेक्टर होने चाहिए थे।
पुलिस अधिकारी ने दी जानकरी
डीसीपी (बाहरी उत्तर) बृजेंद्र कुमार यादव ने बताया था कि , हमें शाम 6.34 बजे तीन श्रमिकों के बारे में एक पीसीआर कॉल आई, जो एमटीएनएल के तार बिछाने के काम में लगे थे और फिर वे संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में एक सीवर में घुसे थे। उन्होंने कहा, जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची, पूछताछ के बाद उन्हें पता चला कि तीनों श्रमिकों को बचाने के लिए सीवर के अंदर गया एक ऑटो चालक भी फंस गया। इस घटना की सूचना पुलिस के अलावा दमकल विभाग को भी मिली थी।
तीनों लोगों को निकालने के लिए गया था ऑटो चालक
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगवार शाम को सुपरवाइजर अपने दो मजदूरों बच्चू एवं पिंटू के साथ मौके पर मरम्मत करने गया था। करीब 15 फीट गहरे सीवर के ढक्कन को हटाकर बच्चू एवं पिंटू अंदर घुसे। सीवर में टेलीफोन के अलावा बिजली के भी तार थे। काफी देर तक नहीं निकलने पर पर सूरज उन्हें देखने के लिए सीवर में घुसा। लेकिन वह खुद भी फंस गया। यह सब देखने के बाद इन्हे बाहर निकालने के लिए एक ऑटो चालक भी गया लेकिन वो भी बहार नहीं आ पाया।
तारों की वजह से बचाव दल को करना पड़ा मुश्किलों का सामना
बता दें कि करीब 15 फीट गहरे सीवर में जहरीली गैस भरी पड़ी थी और इसके अलावा बिजली के तार भी थे जिनकी वजह से बचाव दल को काफी दिक्क्त जो रही थी। सभी लोगों के तारों के बीच में फंसे होने की आशंका थी। तारों की वजह से आ रही दिक्कत के लिए करीब ढाई घंटे बाद जेसीबी के जरिए सीवर को तोड़ने का काम शुरू हुआ। फिर पूरे तरीके से बचाव कार्य शुरू हो पाया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि, मरम्मत के लिए सीवर में घुसने के दौरान मजदूरों के पास जरूरी सुरक्षा उपकरण नहीं थे। जबकि गैस सिलेंडर और अन्य बाडी प्रोटेक्टर होने चाहिए थे।