दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को शहर के इंद्रप्रस्थ डिपो से 100 ‘लो-फ्लोर’ वातानुकूलित सीएनजी बसों और एक ‘प्रोटोटाइप (नमूना) इलेक्ट्रिक’ बस को हरी झंडी दिखाई। गहलोत ने कहा कि ये बसें आधुनिक तथा पर्यावरण के अनुकूल हैं और शहर में प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगी। दिल्ली सरकार की ‘क्लस्टर योजना’ के तहत लाईं गईं ये बसें, ‘पैनिक बटन’ तथा ‘ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम’ (जीपीएस) जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।
अप्रैल तक 300 ‘इलेक्ट्रिक’ बसें चलाने प्रयास
इसमें दिव्यांग लोग भी आसानी से यात्रा कर पाएंगे। इन 100 बसों के शुरू होने के साथ ही शहर में सार्वजनिक परिवहन बसों की संख्या बढ़कर 7,000 हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी जनवरी में 100 ‘लो-फ्लोर’ वातानुकूलित संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) बसों और एक ‘प्रोटोटाइप इलेक्ट्रिक’ बस को हरी झंडी दिखाई थी। गहलोत ने तब कहा था कि सरकार, अप्रैल तक 300 ‘इलेक्ट्रिक’ बसें चलाने के लिए प्रयास कर रही है।
सुरक्षा का रखा गया पूरा ध्यान
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इन बसों को झंडी दिखाकर रवाना करते हुए कहा कि ये बसें दिल्ली सरकार की क्लस्टर योजना के तहत शुरू की गई हैं। इन बसों में सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है। बसों में पैनिक बटन के साथ जीपीएस भी है। ये बसें दिव्यांगों के लिए भी बेहद अनुकूल हैं।
अप्रैल तक 300 ‘इलेक्ट्रिक’ बसें चलाने प्रयास
इसमें दिव्यांग लोग भी आसानी से यात्रा कर पाएंगे। इन 100 बसों के शुरू होने के साथ ही शहर में सार्वजनिक परिवहन बसों की संख्या बढ़कर 7,000 हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी जनवरी में 100 ‘लो-फ्लोर’ वातानुकूलित संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) बसों और एक ‘प्रोटोटाइप इलेक्ट्रिक’ बस को हरी झंडी दिखाई थी। गहलोत ने तब कहा था कि सरकार, अप्रैल तक 300 ‘इलेक्ट्रिक’ बसें चलाने के लिए प्रयास कर रही है।
सुरक्षा का रखा गया पूरा ध्यान
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इन बसों को झंडी दिखाकर रवाना करते हुए कहा कि ये बसें दिल्ली सरकार की क्लस्टर योजना के तहत शुरू की गई हैं। इन बसों में सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है। बसों में पैनिक बटन के साथ जीपीएस भी है। ये बसें दिव्यांगों के लिए भी बेहद अनुकूल हैं।
