Delhi University History: 750 छात्रों से शुरु हुआ दिल्ली विश्विद्यालय का 100 साल पुराना इतिहास

दिल्ली विश्विद्यालय का नाम तो आपने अक्सर सुना ही होगी और आपने डीयू से पढाई भी की होगी। लेकिन क्या आपको इस यूनिवर्सिटी के इतिहास के बारे में पता है अगर नहीं पता तो चलिए हम आपको इसके बारे में बताते है। डीयू एक एसी यूनिवर्सिटी है जिसमें एडमिशन लेना स्टूडेंट का सपना होता है। हर साल लाखों बच्चे डीयू में दाखिला लेने की कोशिश करते है लेकिन बहुत कम छात्र ही यहां दाखिला ले पाते है
Delhi University History: 750 छात्रों से शुरु हुआ दिल्ली विश्विद्यालय का 100 साल  पुराना इतिहास
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दिल्ली विश्विद्यालय का नाम तो आपने अक्सर सुना ही होगी और आपने डीयू से पढाई भी की होगी। लेकिन क्या आपको इस यूनिवर्सिटी के इतिहास के बारे में पता है अगर नहीं पता तो चलिए हम आपको इसके बारे में बताते है। डीयू एक एसी यूनिवर्सिटी है जिसमें एडमिशन लेना स्टूडेंट का सपना होता है। हर साल लाखों बच्चे डीयू में दाखिला लेने की कोशिश करते है लेकिन बहुत कम छात्र ही यहां दाखिला ले पाते है। हर साल इसमे  कुल 70,000 बच्चे ही एडमीशन ले पाते हैं। ये भारत की 40 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में से एक है।  इसके इतिहास के बारे में बात करें तो इसे स्थापित करने के लिए 1911 में विचार शुरु किया गया था।
1922 में हुई थी दिल्ली यूनिवर्सिटी  की स्ठापना
दिल्ली यूनिवर्सिटी को साल 1922 में स्थापित किया गया था।  हालांकि,  इसका साउथ कैंपस 1973 में ही अस्तित्व में आया था।  शुरुआत में डीयू के कुल 3 कॉलेज थे। इन तीन में पहला सेंट स्टीफंस कॉलेज था जो एक मिशनरी पहल के तहत कैम्ब्रिज मिशन टू दिल्ली ने 1881 में स्थापित किया था। दूसरा कॉलेज हिंदू कॉलेज है जो 1899 में स्थापित हुआ था। तीसरा  रामजस कॉलेज, जिसकी स्थापना 14 मई 1917 को की गई थी। बहुत कम लोग जानते हैं कि 1922 में इन तीन कॉलेजों और 750 छात्रों के साथ ही इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन आज  डीयू के 90 कॉलेज और 86 विभाग हैं। इतना ही नहीं बल्कि भारत के लाखों छात्र इससे जुड़े हुए हैं। इन सभी के साथ डीयू को 100 साल पूरे हो गए हैं।
750 छात्रों से शुरु हुआ था डीयू
1911 में डीयू को लेकर बात शुरु हुई थी  ये बात तब की है जब भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन पहला विश्व युद्ध, यूनिवर्सिटी की प्रकृति पर मतभेद और धन की कमी की वजह से ये विचार अगले 10 साल तक केवल एक विचार ही बना रहा।
पहले इन तीन कॉलेज की  हुई थी स्थापना
फिर  16 जनवरी, 1922 को ब्रिटिश भारत की राजधानी में इंपीरियल विधान सभा में दिल्ली यूनिवर्सिटी बिल पेश किया गया था। उस समय दिल्ली में  महाविद्यालय थे  जिसमें सेंट स्टीफंस कॉलेज, जिसकी स्थापना 1882 में कैम्ब्रिज मिशन ने की थी, हिंदू कॉलेज, जिसकी स्थापना 1899 में हुई थी और रामजस कॉलेज जिसकी स्थापना 1917 में में हुई थी। इस बिल को 22 फरवरी को विधानसभा में पारित कर और 28 फरवरी को राज्य परिषद में पारित किया गया था। वायसराय ने 6 अप्रैल को इसपर अपनी सहमति दी और डीयू अधिनियम 1 मई, 1922 को लागू हुआ।
1942 में सेंट स्टीफंस को  नॉर्थ कैंपस में स्थापित किया था
शुरुआती समय में यूनिवर्सिटी में कई बड़े बदलाव किए गए गए थे।  जैसे लॉ फैकल्टी की स्थापना 1924 में हुई। दिल्ली कॉलेज- जिसका इतिहास 17वीं शताब्दी से जुड़ा है। 1942 में सेंट स्टीफंस को  नॉर्थ कैंपस में स्थापित किया गया।  
डीयू की राजनीति के होते हैं खुब चर्चे
इसके बाद हिंदू रामजस और एसआरसीसी को भी वहीं जगह दी गई। इसी तरह हंसराज कॉलेज (1948) सजीटीबी खालसा कॉलेज (1951) देशबंधु कॉलेज (1952) और किरोड़ीमल कॉलेज (1954) जैसे नए कॉलेजों अस्तित्व में आए।
कई  बड़े मंत्री डीयू से निकले
बता दें डीयू की राजनीति भी खुब चर्चा में रहती है इस राजनीति से कई छात्रों ने मंत्री सांसद विधायक का सफर पुरा कर चुके है। इसलिए चुनाव के समय भी इसकी खुब चर्चा होती है। अब इसे 100 साल पुरे हो चुके है इसी अवसर पर पीएम मोदी भी डीयू में शिलीन्यास करने पहुंचे थे।

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