दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार को सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों द्वारा की गई नारेबाजी और आसन के सामने आने की वजह से एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।आप के विधायकों ने उप राज्यपाल वी.के.सक्सेना पर छह साल पहले लगे आरोप की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर नारेबाजी की जबकि भाजपा सदस्यों ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग को लेकर हंगामा किया।
अधीनस्थों पर प्रचलन से बाहर किए
भाजपा नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर सदन में कथित तौर पर चर्चा नहीं करने देने को लेकर अरविंद केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की।आप ने आरोप लगाया कि सक्सेना ने वर्ष 2016 में खादी और ग्राम उद्योग आयोग के अध्यक्ष रहते हुए अपने दो अधीनस्थों पर प्रचलन से बाहर किए गए 1400 करोड़ रुपये के नोट को बदलवाने का दबाव बनाया था।
सदन की कार्यवाही हंगामेदार होने की पहल
विधानसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही शुरू हुई आप और भाजपा के विधायक अपने-अपने मुद्दों को लेकर आसन के सामने आए गए जिससे उपाध्यक्ष राखी बिरला को कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।सत्तारूढ़ विधायकों के सक्सेना के खिलाफ आक्रमक रुख की वजह से मंगलवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार होने की पहले ही आशंका थी।भाजपा विधायक गत शुक्रवार और सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा नहीं थे क्योंकि उन्हें सदन से बाहर कर दिया गया था।
सरकार पर विधानसभा का इस्तेमाल
भाजपा विधायकों ने केजरीवाल सरकार पर विधानसभा का इस्तेमाल ‘‘ केंद्र को अपशब्द’’कहने के लिए करने का आरोप लगाया और कहा कि वे इस मुद्दे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे।उल्लेखनीय है कि आप विधायकों द्वारा सक्सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की वजह से सोमवार को सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी।