देश की राजधानी की एक अदालत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों के सिलसिले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्रों के संगठन अध्यक्ष के खिलाफ एक मामले की जांच पूरा करने के लिए दिल्ली पुलिस को एक और महीने का समय दिया है।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि एएजेएमआई के अध्यक्ष शिफा-उर-रहमान ने संदिग्ध और अज्ञात स्रोतों से भारी धनराशि एकत्रित की। उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि भारत के बाहर रहने वाले व्यक्तियों से भी धन प्राप्त किया गया।’’
जामिया समन्वय समिति के सदस्य रहमान के खिलाफ दंगों में कथित संलिप्तता के लिए मामला दर्ज किया गया था और अप्रैल में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने उसे गिरफ्तार किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा ने शुक्रवार को विशेष प्रकोष्ठ को 24 अगस्त तक अपनी जांच पूरी करने को कहा है।
पुलिस ने बताया कि शरजील इमाम के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण जांच प्रभावित हुई है। इमाम इस समय गुवाहाटी जेल में बंद है और उसका नाम इस मामले की साजिश रचने में सामने आया था। पुलिस ने बताया कि अभी सह-साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाना है और उनकी पहचान करने के प्रयास किये जा रहे है।
गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़पों के बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गये थे।