दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा से जुड़े एक मामले में आरोपी आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की वह याचिका खारिज कर दी है जिसमें कहा गया था कि तिहाड़ जेल में हुसैन की जान का खतरा है इसलिए उसे मंडोली जेल में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
हुसैन को उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान हुए दंगे में एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। हुसैन ने याचिका में कहा था कि तिहाड़ जेल में उसकी जान को खतरा है और मंडोली जेल में उसके भाई और कुछ कर्मचारी हैं इसलिए हुसैन वहां सुरक्षित रहेगा।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ऋचा मनचंदा ने याचिका यह कह कर खारिज कर दी कि हुसैन उन व्यक्तियों का नाम बताने में नाकाम रहा जिनसे उसकी जान को खतरा है। अदालत ने कहा, “कोविड-19 महामारी के कारण कैदियों की स्थानांतरण प्रक्रिया पर दिल्ली उच्च न्यायालय की उच्च स्तरीय समिति द्वारा निगरानी की जा रही है।
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ऐसी परिस्थितियों में और इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए कि आरोपी यह नहीं बता पाया कि उसे किससे जान का खतरा है, याचिका खारिज की जाती है।” हुसैन के भाई शाह आलम को भी फरवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित मामले में मार्च में गिरफ्तार किया गया था।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों से संबंधित एक और मामले में हुसैन पर विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। हुसैन पर आसूचना ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का भी मामला दर्ज है।