दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में हुई हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है। जीटीबी अस्पताल में 38, जबकि लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में तीन लोगों की मौत हुई है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में इस सप्ताह की शुरुआत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थक व विरोधियों के बीच हुई हिंसा के दौरान काफी तबाही देखने को मिली। इस दौरान सैकड़ों मकानों, दुकानों, स्कूल, फैक्टरियां और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
इस इलाके में तीन दिनों तक हुई हिंसक वारदातों में लगभग 200 लोग घायल हुए हैं, जिसमें से कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। फिलहाल हालात नियंत्रण में है और जांच के लिए क्राइम ब्रांच के अंतर्गत एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। जाफराबाद के बाद वह मौजपुर पहुंचे जहां उन्होंने लोगों से बात की। अनिल बैजल ने कहा कि मैं हालात का जायजा लेने आया हूं।
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि हिंसाग्रस्त इलाकों में समुचित संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने के बाद हालात नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि 48 प्राथमिकी अब तक दर्ज की जा चुकी है और तथ्यों की जांच करने के बाद और मामले दर्ज किये जाएंगे।
पुलिस के अनुसार एक हजार से अधिक सीसीटीवी फुटेज मिले हैं जिसकी जांच की जा रही है। अब तक 106 लोगों की गिरफ्तारी की गयी है। उन्होंने कहा कि इलाके में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए दिन-रात चौकसी बरती जा रही है।
दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर एस. एन. श्रीवास्तव ने हिंसा से प्रभावित चांदबाग और खजूरी खास इलाके का दौरा किया और स्थानीय लोगों से हालचाल जाना। इस दौरान स्थानीय लोगों ने उनके समक्ष सुरक्षा, शांति से संबंधित कई मांगें रखी।