नई दिल्ली : इस बार गर्मी का सीजन दिल्लीवालों पर भारी पड़ने वाला है। सरकार दिल्लीवालों को पानी की पर्याप्त आपूर्ति करने में जुटी है लेकिन हरियाणा की ओर से उसे तय मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है। इसी वजह से जलबोर्ड अपना समर एक्शन प्लान भी तैयार नहीं कर पा रहा है। इसमें यमुना के माध्यम से मिलने वाला 60 एमजीडी पानी प्रमुख है जो जलबोर्ड को नहीं मिल पा रहा है। हालांकि गत वर्षों में यह प्लान फरवरी तक जारी हो जाता था लेकिन इस बार फरवरी भी निकल चुकी है। दिल्ली जलबोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने बताया कि हमें करियर लाइन चैनल (सीएलसी) और दिल्ली सब ब्रांच कैनाल (डीएसबी) से कच्चे पानी की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में मिल रही है।
लेकिन यमुना के माध्यम से पानी की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि कि सीएलसी कैनाल से 719 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) और डीएसबी के माध्यम से 330 एमजीडी की जलापूर्ति मिल रही है। जबकि यमुना के माध्यम से 60 एमजीडी पानी मिलना चाहिए लेकिन वर्तमान में इतना पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में जलबोर्ड पानी के इंतजाम को लेकर कोई पूर्व योजना नहीं बनाने में असमर्थ है। जलबोर्ड उपाध्यक्ष ने बताया कि दिल्ली में बोरवैल के माध्यम से 80 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है। यह अंडर ग्राउंड पानी होता है जो प्राकृतिक और गैर प्राकृतिक माध्यम से प्रतिदिन रिचार्ज होता है।
उन्होंने कहा, चूंकि हरियाणा को दिल्ली की ओर से मिलने वाला पानी एक इंटर स्टेट मैटर है इसलिए इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ेगा। तभी इस समस्या का हल हो सकेगा। यहां बता दें कि अभी दिल्ली में गर्मियों की शुरुआत ही है और पानी को लेकर भीषण संघर्ष देखने को मिला है। दिल्ली के वजीरपुर औद्योगिक इलाके में पानी को लेकर हुए झगड़े में गत शनिवार एक बुजुर्ग की मौत हो गई। लाल बहादुर नामक बुजुर्ग की कुछ लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग ने पानी के लिए हो रही लड़ाई को रोकने की कोशिश की थी जिसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यहाँ क्लिक करें।