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बिगड़ने लगी दिल्ली की आबोहवा

दिल्ली में मौसम की करवट के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है। हालांकि प्रदूषण का स्तर अभी गंभीर नहीं हुआ, लेकिन कई जगहों पर मानक स्तर को पार कर गया है।

नई दिल्ली : दिल्ली में मौसम की करवट के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है। हालांकि प्रदूषण का स्तर अभी गंभीर नहीं हुआ, लेकिन कई जगहों पर मानक स्तर को पार कर गया है। रात के समय स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है। इसमें बाहरी दिल्ली, औद्योगिक क्षेत्र सहित अन्य इलाके ज्यादा प्रभावित है। 
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को दोपहर के समय द्वारका, जहांगीरपुर, वजीरपुर, आनंद विहार, आईजीआई सहित अन्य क्षेत्रों में पीएम 10 का स्तर मानक 100 के आकड़े को पार कर गया है। इन क्षेत्रों में पीएम 10 का स्तर 120 से 170 के करीब पाया गया है। 
वहीं पीएम 2.5 का स्तर भी 50 के आकड़े को पार कर 60-100 के करीब पहुंच गया है। डीपीसीसी के अनुसार आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा। उनका कहना है कि समिति दिल्ली के 26 जगहों से प्रदूषण की निगरानी कर रहा है। सच तो यह है कि अगले कुछ दिनों में पराली जलना भी शुरू हो जाएगी।
सीपीसीबी रखेगी नजर… दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नजर बनाए हुए। बोर्ड द्वारा तैयार किए गए एक्शन प्लान के तहत प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही जरूरी सामानों को छोड़कर अन्य भारी ट्रकों की दिल्ली में प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। साथ ही दिल्ली में निर्माण गतिविधियों को बंद कर दिया जाएगा। साथ ही दिल्ली के आसपास व पड़ोसी राज्यों में चल रहे भट्टों को बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य जरूरी पहलुओं पर भी काम किया जाएगा।
एक साल वैध होता है प्रमाण पत्र 
नए वाहन के साथ मिलने वाला प्रदूषण प्रमाण पत्र एक साल वैध होता है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार नियम 115(7) सीएमवीआर, 1989 के तहत पहली बार वाहन पंजीकृत होने के बाद प्रदूषण प्रमाण पत्र एक वर्ष तक के लिए वैध रहता है। बता दें कि चालान की राशि बढ़ने के बाद से प्रदूषण प्रमाण पत्र को लेकर काफी मारा मारी रही। 
जांच के दौरान ऐसे लोग भी पकड़े गए जिनके पास नया वाहन था और एक वर्ष तक का वैध प्रमाण पत्र उनके पास था, लेकिन ट्रैफिक पुलिस ने उनका कोर्ट का चालान कर दिया। ऐसे में राज्य सरकार के इस फैसले से उन वाहन चालकों को राहत मिलेगी।

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