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कृषि कानून : किसानों का सातवें दिन प्रदर्शन जारी, चिल्ला बॉर्डर पर पहुंचे सैकड़ों किसान

कृषि कानून के विरोध में जारी आंदोलन में भाग लेने के लिए भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में मंगलवार शाम को सैकड़ों की संख्या में किसान चिल्ला बॉर्डर पर पहुंचे जहां दिल्ली पुलिस ने अवरोधक लगाकर उन्हें रोक दिया।

किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच मंगलवार को विज्ञान भवन में 3 घंटे से अधिक देर तक बातचीत हुई। हालांकि बातचीत समाप्त होने के बाद बाहर आए किसान नेताओं ने अपना आंदोलन जारी रखने की बात कही है। किसान नेताओं के मुताबिक फिलहाल यह बातचीत बेनतीजा रही है। कृषि कानून के खिलाफ किसानों का सातवें दिन प्रदर्शन जारी है।  वहीं, कृषि कानून के विरोध में जारी आंदोलन में भाग लेने के लिए भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में मंगलवार शाम को सैकड़ों की संख्या में किसान चिल्ला बॉर्डर पर पहुंचे जहां दिल्ली पुलिस ने अवरोधक लगाकर उन्हें रोक दिया। किसान मुख्य मार्ग पर ही धरने पर बैठ गए हैं। 
किसानों ने संसद व जंतर मंतर जाने की मांग की। उन्होंने पहले दिल्ली-नोएडा मार्ग को बाधित किया। इसके बाद नोएडा से दिल्ली जाने वाले मार्ग को बाधित किया। देर शाम तक नोएडा व दिल्ली शहर जाम से परेशान दिखे। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत मंगलवार को सिंह के नेतृत्व में अलीगढ़, हाथरस, आगरा और गौतमबुद्ध नगर जिले के सैकड़ों किसान नोएडा में चिल्ला बॉर्डर पहुंच गए। शाम करीब साढ़े चार बजे किसानों ने चिल्ला बॉर्डर पर धरना देना शुरू किया और यातायात जाम कर दिया। वे मुख्य मार्ग पर अपने ट्रैक्टर ट्रॉली खड़े कर धरना दे रहे हैं। 
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किसानों का कहना है कि वे दिल्ली में जंतर मंतर पर जाकर धरना देना चाहते हैं। अगर पुलिस उन्हें नहीं जाने देगी तो वे यहीं सड़क पर धरना देंगे। जब तक जंतर मंतर पर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी, वे रास्ता नहीं छोड़ेंगे। दिल्ली पुलिस ने उन्हें राजधानी में घुसने से रोकने के लिए अवरोधक लगा रखे हैं। 
पुलिस का कहना है कि अगर किसान बुराड़ी में संत निरंकारी मैदान जाना चाहते हैं तो कोई नहीं रोकेगा, लेकिन जंतर मंतर नहीं जाने दिया जाएगा। पुलिस उपायुक्त जोन प्रथम राजेश एस ने बताया कि मंगलवार की सुबह गौतमबुद्ध नगर पुलिस को सैकड़ों की संख्या में किसानों के दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचने की सूचना मिली थी जिसके बाद नोएडा से दिल्ली जाने वाले बॉर्डर पर चौकसी बढ़ाते हुए उन्हें सील कर दिया गया था। 
अपराह्न करीब 2 बजे गौतमबुद्ध नगर के किसानों की पांच बसें दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचीं। दिल्ली पुलिस और गौतमबुद्ध नगर पुलिस के अधिकारियों ने किसानों को समझाकर वापस भेज दिया था। अब अलीगढ़, आगरा और हाथरस से सैकड़ों किसान ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर नोएडा पहुंचे हैं। इन किसानों ने चिल्ला बॉर्डर पर डेरा डाल दिया है। 
उन्होंने बताया कि नोएडा व दिल्ली पुलिस के अधिकारी किसानों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। कई घंटे से अधिकारी किसानों से बातचीत कर जाम को खुलवाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं हैं। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के प्रदेश महासचिव बीसी प्रधान ने कहा कि जब तक काले कानून को वापस नहीं लिया जाता वे यहां से नहीं हटेंगे। किसान ट्रैक्टर ट्रॉली में 3० दिन का राशन लेकर यहां पहुंचे है। ट्रैक्टरों में सोने की व्यवस्था है। उन्होंने अपना डेरा जमा लिया है। 
किसानों द्वारा जिला बॉर्डर पर जाम लगाए जाने से लाखों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां किसानों ने जाम लगाया है, वहां से होकर प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोग नोएडा में नौकरी करने आते-जाते हैं। चिल्ला बॉर्डर सीधे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे और आगरा एक्सप्रेस-वे को भी जोड़ता है। यह बॉर्डर वाया गोलचक्कर डीएससी रोड को जोड़ता है। शाम तक दिल्ली व नोएडा में करीब पांच किलोमीटर का लंबा जाम लग गया। मार्ग परिवर्तन के बाद भी स्थिति खराब है। 

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