नई दिल्ली : लड़कियों के निजी अंगों में मिर्च डालने के मामले में सोमवार को दिल्ली महिला आयोग ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की। इस मुलाकात में आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार शेल्टर होम का मैनेजमेेंट स्थानीय डीएम को सौंपने की मांग की।
इस पर उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने स्थानीय डीसी को शेल्टर होम का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के साथ ही पुराने स्टाफ को निकाल कर नए स्टाफ को नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया। इसके साथ ही आयोग को जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद बताती हैं कि सोमवार को उन्होंने उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शेल्टर होम में होने वाले अपराध पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एडवाइजरी की जानकारी दी।
उन्हें बताया कि जेजे एक्ट की धारा 30 के अनुसार शेल्टर होम में बच्चों के साथ बदसलूकी संबंधित सीडब्ल्यूसी, किशोर न्याय बोर्ड या जिला बाल संरक्षण इकाई के सेवा में व्यवधान और संस्था प्रबंधन द्वारा कर्तव्यों में विफलता के तौर पर देखा जाता है। गाइडलाइन के अनुसार ऐसे परिदृश्य में बाल कल्याण के प्रभारी अधिकारी होने के नाते संबंधित जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को तुरंत संस्था प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने चाहिए।
इसके बाद डीएम शेल्टर होम का आकलन कर यह फैसला कर सकता है कि बच्चों के वहां पहले जितनी सुविधा में रखने के लिए पूर्व के सभी स्टाफ को बदले या बच्चों को दूसरे शेल्टर होम भेजे। बता दें कि बीते दिनों आयोग की एक विशेषज्ञ कमेटी ने अपने दौरे के दौरान द्वारका स्थित एक शेलटर होम में पाया कि वहां बच्चियों को सजा के तौर पर मिर्च खिलाई जाती थी और निजी अंग में मिर्च डाली जाती थी। इसके साथ ही शेल्टर होम की साफ सफाई का काम भी कराया जाता था और न करने पर पीटाई भी की जाती थी।