उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को दिल्ली शिक्षा बोर्ड और नये पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर रही समितियों के साथ बैठक की। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि इस वर्ष इंजीनियरिंग और मेडिकल की जेईई और एनईईटी की परीक्षाएं रद्द की जाएं तथा नामांकन के वैकल्पिक तरीके अपनाए जाएं।
आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने 2020-2021 के वार्षिक बजट में पाठ्यक्रम सुधार और दिल्ली के लिए नये शिक्षा बोर्ड के गठन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें समय सीमा का पालन करने की जरूरत है ताकि अगले शैक्षणिक सत्र से हम 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए नया पाठ्यक्रम शुरू कर सकें।
हमें अगले चरण के लिए एटीट्यूट- स्किल- रेडीनेस के आधार पर रूपरेखा शुरू करने की जरूरत है।’’ शिक्षा मंत्रालय भी सिसोदिया के पास है। एक आधिकारिक बयान में उनके हवाले से बताया गया, ‘‘बहरहाल, अगर हम रुख और कौशल को छोड़कर केवल तैयारी वाले हिस्से पर ध्यान केंद्रित करें तो शिक्षा का आधा उद्देश्य ही पूरा होगा।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों का जीवन खुशी और जिम्मेदारी से व्यतीत हो, इसके लिए स्कूलों में सीखने का कौशल काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। सिसोदिया ने केंद्र सरकार से अपील की कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए इंजीनियरिंग और मेडिकल की जेईई और एनईईटी की परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष वैकल्पिक नामांकन तरीके अपनाए जाने चाहिए और परीक्षाएं आयोजित नहीं की जानी चाहिए। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा था कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी-यूजी) कार्यक्रम के मुताबिक सितम्बर में आयोजित किए जाएंगे।
सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार जेईई और नीट के नाम पर लाखों छात्रों की जिंदगी के साथ खेल रही है। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि दोनों परीक्षाओं को तुरंत रद्द करे और वैकल्पिक प्रवेश प्रक्रिया अपनाए।’’