नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यहां आईएनए स्थित दिल्ली हाट में राष्ट्रीय जनजातीय उत्सव ‘आदि महोत्सव 2019’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की संकल्पना से देश के 40 फीसदी भूभाग और 8 फीसदी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करने वाले आदिवासी समाज को एक मंच प्रदान किया जहां वो अपनी संस्कृति का प्रदर्शन कर सकें।
उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा को याद करते हुए कहा कि आदिवासी समाज का स्वतंत्रता आदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिन्होंने देश में अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले आंदोलन का मार्ग प्रशस्त किया। किसी को मालूम भी नहीं होगा कि आदिवासी समाज के जनजाति समाज की स्वतंत्रता आंदोलन में कितनी बड़ी भूमिका रही। श्री शाह ने भगवान बिरसा मुंडा, रानी दुर्गावती आदि का जिक्र करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 180 करोड़ रुपए खर्च कर आदिवासी स्वतंत्रा सेनानियों के इतिहास को डिजिटल संग्रहालय के रूप में संग्रहित करने का काम किया।
शाह का कहना था कि मैं यहां देशभर से आए हुए सभी हस्तकला कर्मी और कलाकारों के बीच आकर बहुत आनंद महसूस कर रहा हूं। गौरतलब है कि उत्तर में जम्मू-कश्मीर से लेकर दक्षिण में तमिलनाडु तक और पश्चिम में गुजरात से लेकर पूर्व में नगालैंड और सिक्किम तक के निपुण शिल्पकारों के वस्त्र इस महोत्सव का आकर्षण हैं। पहली बार आदि महोत्सव में लद्दाख के आदिवासी शिल्पकारों के व्यापक उत्पाद भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इस महोत्सव में 224 स्टॉल लगाए गए हैं।