पश्चिमी दिल्ली : मॉडल टॉउन स्थित छत्रसाल स्टेडियम के अंदर लगी सौ फुट ऊंची हाई मास्क पोल पर मंगलवार सुबह एक कर्मचारी आत्महत्या करने के लिए चढ़ गया। जिसको साढ़े छह घंटे बाद आश्वासन देकर उतारा गया। कर्मचारी 22 माह से वेतन नहीं मिलने से विभाग से नाराज था। जिसकी कोई भी नहीं सुन रहा था। जिसको दमकलकर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद नीचे उतारा। जिले की डीसीपी विजयंता आर्या ने बताया कि पीड़ित की पहचान जोश लाकड़ा (52) के रूप में हुई है। यह कर्मचारी मुंडका इलाके में रहता है।
वहीं पीड़ित के साथ काम करने वालों ने बताया कि पिछले कई सालों से छत्रसाल स्टेडियम में चपरासी के तौर पर नौकरी कर रहा था। पिछले 22 माह से उसकी सैलरी नहीं दी गई है। इस मामले को लेकर वह लिखित शिकायत लेकर दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास भी जा चुका था। साथ ही विभागीय अधिकारियों से भी मिल चुका था। इन सब के बावजूद उसको सैलरी नहीं मिला थी। आर्थिक तंगी से परेशान होकर खुदकुशी करने के लिए वह छत्रसाल स्टेडियम के अंदर लगी हाई मास्क लाइट के पोल पर चढ़ गया।
कर्मचारियों ने उसे देखकर तुरंत आला अधिकारियों और पुलिस को सूचित किया। दोनों मौके पर पहुंचे। उसने कई बार नीचे कूदने की धमकी भी दी। दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर उसको समझाने की कोशिश की। जब भी किसी ने पोल पर चढ़ने की कोशिश की। वह नीचे कूदने की धमकी देता था। विभाग और पुलिस उसके परिवार वालों से बातचीत कर मामले की जानकारी लेते रहे। परिजनों ने भी उसे नीचे आकर अधिकारियों से बातचीत करने के बारे में कहा था। लेकिन उसने किसी एक की नहीं सूनी। उसने विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। इस बीच मौके पर लोगों का जमावड़ा होने लगा।
लोग मामले को पूछते और मोबाइल फोन से वीडियो बनाने लग जाते। लेकिन सभी को हैरान इस बात से थी। पोल पर वह बिलकुल ऊपर चढ़ा कैसे था। जिसपर चढ़ना काफी मुश्किल था। पीड़ित ने बताया कि 25 साल से वह सर्विस कर रहा है। लेकिन पिछले 22 माह की सैलरी विभाग ने नहीं दी। नहीं देने के सवाल पर विभाग का कोई भी अधिकारी उसको सही तरह से जवाब भी नहीं दे रहा था। जहां भी वह अपनी शिकायत लेकर गया। किसी ने उसकी एक नहीं सुनी गई। उसने ब्याज पर पैसे लेकर अपने घर का खर्चा चलाया है। उस पर उधार काफी ज्यादा हो गया है।
आर्थिक तंगी होने के कारण वह अपने बीमार बेटे का इलाज नहीं कर पाया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। अब अधिकारियों ने उसकी शिकायत पर एक सप्ताह में सैलरी देने का आश्वासन दिया है। लेकिन उसको नहीं लगता है कि उसकी तनख्वाह उसे मिल जाएगी। लोगों का कहना था कि आखिरकार एक गरीब कर्मचारी को इस तरीके से पोल पर चढ़कर खुदकुशी करने की कोशिश की उसे यह नौबत ही क्यों आई, एक गरीब को समय पर वेतन आखिरकार दिया क्यों नहीं जा रहा है।