डीएमआरसी प्रमुख मंगू सिंह का का कहना है कि कोविड-19 से दिल्ली मेट्रो नेटवर्क फेज-4 का काम प्रभावित जरूर हुआ है लेकिन इनमें सिर्फ कुछ ही महीनों की देरी हुई है इसलिए ‘‘इनकी लागत में कुछ ज्यादा फर्क नहीं आएगा।’’
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पिछले साल मार्च में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दिल्ली मेट्रो के प्रस्ताव फेज-4 के छह में से तीन मेट्रो कॉरिडोर को मंजूरी दे दी गयी थी।
सिंह ने कहा,‘‘हमने पिछले साल दिसंबर में आधारशिला रखने के साथ ही काम शुरू किया और हम अच्छा कर रहे थे, लेकिन तभी कोविड-19 हो गया और इससे सबकुछ प्रभावित हुआ है। हम भी प्रभावित हुए हैं। फेज-4 का काम भी महामारी के कारण प्रभावित हुआ है।’’
हालांकि, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि फिलहाल चल रही परियोजनाओं में सिर्फ कुछ ही महीने की देरी होगी। महामारी के कारण लागत में वृद्धि के संबंध में सवाल करने पर सिंह ने कहा, ‘‘कोविड-19 और लॉकडाउन का फेज-4 के कामकाज पर असर हुआ है, लेकिन उसमें दो-तीन महीने से ज्यादा की देरी नहीं है। और इसलिए लागत में भी ज्यादा फर्क नहीं आएगा।’’
सिंह ने कहा कि यह चुनौती भरा समय है लेकिन डीएमआरसी की टीम ने लॉकडाउन के समय का उपयोग परियोजनाओं के ब्योरे और डिजाइन पर काम करने में किया, ‘‘ताकि हालत सुधरने पर हम तैयार रहें।’’ सूत्रों ने पहले बताया था कि मेट्रो सेवा 22 मार्च से 169 दिनों तक बंद रही है और इस दौरान दिल्ली मेट्रो को करीब 1,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
दिल्ली मेट्रो के प्रमुख ने कहा कि दिल्ली में संक्रमण फैलने के बाद पहले तो मजदूर कैद से हो गए और बाद में वे अपने-अपने घर जाने लगे। सिंह ने कहा, ‘‘अब, अनलॉक के दौरान करीब 80 से 90 प्रतिशत मजदूर वापस आ गए हैं और सुरक्षा संबंधी सभी एहतियात बरतते हुए काम कर रहे हैं।’’
फेज-4 के तहत 61.679 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का तीन अलग-अलग कॉरिडोर में निर्माण होना है और इनपर 45 मेट्रो स्टेशन होंगे। ये नए स्टेशन दिल्ली मेट्रो की मौजूदा लाइनों को आपस में जोड़ने का काम करेंगे। सरकार के अनुसार, मुकुंदपुर-मौजपुर, आर.के. आश्रम-जनकपुरी पश्चिम और एरो सिटी -तुगलकाबगाद कॉरिडोर को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी।