डीएमआरसी ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि दिल्ली मेट्रो की पिंक और मैजेंटा लाइनों पर तकनीकी जरूरतों की वजह से प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाये गये हैं और सभी स्टेशनों पर इन्हें लगाने से परिचालन की लागत बढ़ जाएगी।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ को बताया कि मेट्रो के 250 स्टेशनों में से 69 पर पीएसडी लगाये गये हैं। डीएमआरसी ने पीठ को बताया, ‘‘डीएमआरसी इस समय 343.785 किलोमीटर के नेटवर्क का परिचालन कर रहा है। कुल 250 स्टेशनों में से 69 मेट्रो स्टेशनों पर पीएसडी लगाये गये हैं,जो सभी परिचालन में हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिंक और मैजेंटा लाइन पर संचालित ट्रेनों में लगी पूरी तरह स्वचालित ट्रेन परिचालन प्रणाली की तकनीकी जरूरत को देखते हुए इन लाइनों पर पीएसडी लगाये गये हैं।’’ दिल्ली मेट्रो ने उच्च न्यायालय से यह भी कहा कि दुनियाभर में सभी मेट्रो स्टेशनों पर पीएसडी नहीं लगाये जाते और प्रणाली तथा परिचालन की जरूरतों को देखते हुए कुछ ही मेट्रो स्टेशनों पर पीएसडी लगाये जाते हैं।
उसने कहा, ‘‘प्रत्येक मेट्रो स्टेशन पर पीएसडी लगाने का खर्च अधिक होगा, जो अगर दिल्ली मेट्रो को उठाना पड़ा तो अंतत: उसका भार किराये में वृद्धि के जरिये नागरिकों पर पड़ेगा अथवा सरकार को बजटीय सहयोग देना होगा।’’