पटना : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने राजग में शामिल एक अन्य घटक दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालासेपा) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को नसीहत देते हुए दो नाव पर सवारी नहीं करने की नसीहत दी है।लोजपा के सांसद चिराग पासवान ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा को दो नाव पर सवार नहीं होना चाहिए। किसी भी नेता को अपने ही गठबंधन के सहयोगियों के खिलाफ बोलना गलत बात है।
पिछले महीने राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ रालोसपा प्रमुख की बैठक का संभवत: हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कुशवाहा को तय करना चाहिए कि क्या उन्हें राजग में बने रहना है या नहीं। चिराग पासवान ने कहा कि समयसीमा तय कर और प्रधानमंत्री के सिवाय किसी और से बात नहीं करने का रुख अपना कर आप दबाव की रणनीति का सहारा ले रहे हैं। इसके अलावा, वह मुख्यमंत्री के खिलाफ बोल रहे हैं। आप गठबंधन का हिस्सा रहते हुए राजग के घटकों के खिलाफ नहीं बोल सकते हैं। यह दो नावों में सवारी के जैसा है।
लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे के फॉर्मूले से नाराज रालोसपा अध्यक्ष कुशवाहा को आड़े हाथों लेते हुए चिराग ने कहा कि अभी सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल ही रही है, ऐसे में गठबंधन को ‘डेडलाइन’ देना या ‘अल्टीमेटम’ देना सही नहीं है। इससे साफ लगता है कि कुशवाहा राजग से अलग होना चाहते हैं। लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान के बेटे चिराग ने स्पष्ट कहा कि रालोसपा दबाव की राजनीति कर रही है। अगर उन्हें कोई समस्या है तो गठबंधन में सही जगह पर मामले को उठाकर समस्याओं का निपटारा किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि रालोसपा अध्यक्ष कुशवाहा ने सीट बंटवारे को लेकर भाजपा को 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के विषय में पूछे जाने पर जमुई क्षेत्र के सांसद चिराग ने कहा कि राम मंदिर भाजपा का एजेंडा है। भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र किया है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में है और इसका हल न्यायालय के जरिये ही निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार अगर राम मंदिर को लेकर अध्यादेश या बिल लाना चाहती है तो पहले उसे अपने सहयोगियों से विचार विमर्श करना चाहिए।