पूर्वी दिल्ली : रेबीज के उपचार के लिए अब भटकना नहीं होगा। पूर्वी दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक पर एंटी रेबीज क्लीनिक खोला गया है। यह सरकार का पहला अस्पताल है जिसमें मरीजों को डब्ल्यूएचओ के मानकों के आधार पर ट्रीटमेंट दिया जाएगा। यहां मरीजों को एक्टिव और पैसिव दो तरीके से उपचार किया जाएगा।
इसमें एक्टिव ट्रीटमेंट के दौरान जख्म पर एंटी रेबीज सीरम लगाया जाएगा वहीं पैसिव ट्रीटमेंट के तहत एंटी रेबीज वैक्सिन का इस्तेमाल किया जाएगा। यह कहना है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का। शनिवार को अस्पताल में शुरू हुई तीन नई सेवाओं का उन्होंने उद्घाटन किया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे।
वहीं अस्पताल के डॉ. भरत सागर ने बताया कि शनिवार से शुरू हुई सुविधा में डब्ल्यूएचओ स्टैंडर्ड एंटी रेबीज क्लीनिक, 25 बेड की वॉक इन कैजुएलिटी और इमरजेंसी तक आने के लिए कॉरिडोर की सुविधा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एंटी रेबीज क्लीनिक को डब्ल्यूचओ के मानकों पर तैयार किया गया है। इसमें दो तरीके से रेबीज का उपचार किया जाएगा। यहां पर एंटी रेबीज इंजेक्शन का भी पूरा स्टॉक रखा गया है। बता दें कि दिल्ली सरकार के अधिकतर अस्पतालों में अभी रेबीज के इंजेक्शन नहीं हैं।
जीटीबी के आपातकाल विभाग में आने वाले गंभीर मरीजों को विशेष सुविधा दी जाएगी। इसके लिए 25 बेडों की व्यवस्था की गई है। डॉ. सागर के अनुसार यहां रोजाना करीब एक हजार मरीज आते हैं। इसमें से करीब 200 मरीज ज्यादा गंभीर स्थिति के होते हैं। यहां मरीजों को बेहतर उपचार देने के लिए 25 बेड की वॉक इन कैजुएलिटी तैयार की गई है।
इसमें कम गंभीर मरीजों को (सर्दी, जुकाम, पेट दर्द जैसे समस्याओं के पीड़ित) उपचार दिया जाएगा। जबकि गंभीर मरीजों को मेन कैजुएलिटी में ही देखा जाएगा। यहां डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ाई गई है। इस कैजुएलिटी के खुलने से यह फायदा होगा कि गंभीर बीमारी के पेशंट्स को अच्छा इलाज मिल सकेगा और उनके बचने की संभावना अधिक होगी।