नई दिल्ली : अब अगर आपको किसी भी खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता को लेकर संदेह हो, तो इसकी जांच करा सकते हैं। क्योंकि भारतीय खाघ संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को देश भर में नई फूड लैब स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है। वित्त मंत्रालय ने प्राधिकरण को इस योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर कर दिया है। खास बात यह है कि अगर आपका संदेह सही निकलता है, तो आपको जांच के लिए कोई शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा।
जानकारी के अनुसार अभी तक देश में खाद्य सामग्रियों की जांच के लिए 72 लैब संचालित हैं। हालांकि बताया जाता है कि इनमें से कई नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड (एनएबीएल) से मान्यता प्राप्त नहीं हैं। बीते दिनों प्राधिकरण ने लोगों में जागरूकता लाने के लिए खाने की जांच की पहल भी शुरू की है। अब प्राधिकरण जल्द ही देश भर में इस योजना के तहत नई अत्याधुनिक लैब स्थापित करेगा। जिसमें जांच के लिए मामूली शुल्क देना होगा।
पैथोलॉजी पर कसेगा शिकंजा
राज्यसभा में पेश एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशन बिल अगर पास हो गया तो पैथोलॉजी जांच पर शिकंजा कस जाएगा। इसके जरिए रक्त, यूरिन, एमआरआई, सीटी स्कैन जैसी जांचों को लेकर कानून तय हो जाएगा। इस बिल के पास होते ही जहां मेडिकल के गैर जरूरी जांचों से मरीजों को निजात मिल जाएगा। वहीं देश भर में टेक्नीशियन, पैथोलॉजिस्ट, रेडियो डायग्नोस और रेडियोथैरेपिस्ट इत्यादि के कोर्स कोलेकर नियम भी समान होंगे। सरकार का दावा है कि इस बिल से चिकित्सीय क्षेत्र में डेढ़ करोड़ रोजगार पैदा होंगे।