लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

DPCC ने ‘odd-even’ योजना के तीन चरणों पर 12 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने 2016 और 2019 के बीच वाहनों की सम-विषम योजना के तीन चरणों के कार्यान्वयन पर हरित परियोजनाओं के लिए स्थापित कोष से 12 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।

राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर नजर रखने वाली सरकारी एजेंसी दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने 2016 और 2019 के बीच वाहनों की सम-विषम योजना के तीन चरणों के कार्यान्वयन पर हरित परियोजनाओं के लिए स्थापित कोष से 12 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत एक आवेदन के माध्यम से प्राप्त जवाब से यह जानकारी मिली। 
सामाजिक कार्यकर्ता अमित गुप्ता द्वारा दिए गए आरटीआई आवेदन के जवाब से पता चला कि प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने जनवरी 2016 में सम-विषम अभियान के पहले चरण के लिए ‘एयर एंबियंस फंड’ (वायु परिवेश कोष) से संभागीय आयुक्त और सचिव, राजस्व विभाग को 3.38 करोड़ रुपये और दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम लिमिटेड को 25 लाख रुपये दिए। 
डीपीसीसी ने अप्रैल 2016 और नवंबर 2019 में अभियान के दूसरे और तीसरे चरण के कार्यान्वयन के लिए संभागीय आयुक्त और सचिव, राजस्व विभाग को क्रमशः 4.50 करोड़ रुपये और 4.25 करोड़ रुपये दिए। ‘ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान’ के अनुसार 48 घंटे या उससे अधिक समय के लिए पीएम2.5 और पीएम10 का स्तर क्रमशः 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रहने की ‘‘आपात स्थिति’’ बनने पर सम-विषम योजना आवश्यक उपायों में से एक है। 
वर्ष 2008 में स्थापित और व्यापार एवं कर विभाग के माध्यम से एकत्रित ‘एयर एंबियंस फंड’ को दिल्ली में प्रति लीटर डीजल की बिक्री से 25 पैसे मिलते हैं। मार्च 2008 से अब तक इस कोष में कुल 547 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। इसमें से 527 करोड़ रुपये हरित गतिविधियों पर खर्च किए गए हैं। सरकार ने 2015 तक केवल 59 करोड़ रुपये का उपयोग किया था। पिछले सात वर्षों में उसने कोष से 468 करोड़ रुपये का उपयोग किया है। 

विवाद के बाद गेरुआ से फिर सफेद हो रही वाराणसी की मस्जिद, मुस्लिम समुदाय ने लगाए थे तानाशाही के आरोप

आरटीआई से मिले जवाब के अनुसार इस पैसे का इस्तेमाल बैटरी से चलने वाले वाहनों, ई-रिक्शा पर सब्सिडी देने, सम-विषम अभियान, दिल्ली सचिवालय में बायो-गैस संयंत्र के रखरखाव, ऑनलाइन एयर मॉनिटरिंग स्टेशन के संचालन, रीयल-टाइम सोर्स अप्रोशनमेंट, स्मॉग टॉवर की स्थापना और पर्यावरण मार्शल के वेतन के भुगतान के लिए किया गया है। आगे बताया है कि इसमें, ‘‘(कनॉट प्लेस में) स्मॉग टावर पर एयर एंबिएंस फंड से अब तक 22.91 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।’’ 
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 23 अगस्त को परीक्षण आधार पर परियोजना के तहत कनॉट प्लेस में 24 मीटर से ज्यादा ऊंचे एयर प्यूरीफायर का उद्घाटन किया था। अधिकारियों के अनुसार, स्मॉग टॉवर में 40 पंखे और 10,000 फिल्टर हैं और इससे संरचना के चारों ओर एक किलोमीटर के दायरे में लगभग 1,000 घन मीटर प्रति सेकेंड की दर से हवा साफ हो सकती है। दिल्ली सरकार ने स्मॉग टॉवर के संचालन की निगरानी के लिए डीपीसीसी, आईआईटी-बंबई, एनबीसीसी और टाटा प्रोजेक्ट्स के विशेषज्ञों की 16 सदस्यीय टीम बनाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seventeen − twelve =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।