स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के केजरीवाल सरकार के दावे के बावजूद हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद अपनाये जाने वाले सम-विषम फार्मूले को फिर लागू करने के दिल्ली सरकार के फैसले के औचित्य को सवालों के घेरे में खड़ा किया है।
डा. हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा कि एक तरफ केजरीवाल सरकार दिल्ली में वायु प्रदूषण को काबू में करने का दावा करती है और दूसरी तरफ सम-विषम फार्मूला भी लागू कर रही है। इससे दिल्ली में सम-विषम नंबर नियम लागू करने के औचित्य और केजरीवाल का दावा सवालों के घेरे में आ जाता है।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘सम-विषम फार्मूला, हवा की गुणवत्ता बहुत खराब होने पर लागू किया जाता है। एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री राजधानी में हवा की गुणवत्ता को सुधारने का दावा कर रहे हैं, तो फिर इस सम-विषम योजना की जरूरत क्यों पड़ गयी?’’ उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि बतौर केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री, हमने (केन्द्र सरकार) दिल्ली में दमघोंटू हवा से जानलेवा स्थिति में पहुंचे वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये पिछले साल व्यापक मुहिम चलायी थी।
उन्होंने सम-विषम फार्मूला लागू करने के दिल्ली सरकार के फैसले पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुये कहा, ‘‘ग्रेडेड एक्शन प्लान के मानकों के मुताबिक अभी हवा की गुणवत्ता इतनी खराब नहीं है, जिसके कारण सम-विषम फार्मूला लागू करना पड़े।’’ उल्लेखनीय है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में चार से 15 नवंबर तक सम-विषम फार्मूला लागू करने की हाल ही में घोषणा की थी। इसके तहत एक दिन सम नंबर वाले वाहन चल सकेंगे और दूसरे दिन विषम नंबर वाले वाहन चल सकेंगे।