नई दिल्ली : आरएफआईडी सिस्टम लागू होने के 3 दिन बाद भी ट्रांसपोर्टर्स और वाहन चालकों की परेशानी कम होने का नाम ले रही है। कहीं लंबी लाइनों से तो कहीं टैग नहीं होने के कारण टोल पार करते समय दोगुना टैक्स वसूले जाने पर भी वाहन कमर्शियल वाहन चालक खासे परेशान हैं। चालकों के मुताबिक टोल प्लाजा केंद्रों पर आरएफआईडी के कागजात जमा करना मुश्किल है, जबकि टैग लेना कुछ हद तक आसान हो गया है।
लेकिन यहां भी उचित जानकारी का अभाव होने से ट्रांसपोर्टर्स परेशान नजर आ रहे हैं। आरोप है कि सिस्टम को लागू करने से पहले तैयारियां पूरी नहीं की गईं और इसका हर्जाना अब वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है। बता दें कि बीते सप्ताह शनिवार शाम को नोडल एजेंसी साउथ एमसीडी द्वारा टैग की लंबी लाइनों को देखते हुए आदेश जारी किया गया था कि ट्रांसपोर्टर्स अपनी आरसी, इंश्योरेंस और लाइसेंस की फोटो कॉपी जमा करा दें और इससे अगले सात दिनों तक वे बिना जुर्माने के दिल्ली में प्रवेश करें।
जब ट्रांसपोर्टर्स के मोबाइल पर एसएमएस आ जाए तो वह यहीं से टैग प्राप्त कर लें। सोमवार को लंबी लाइन के चलते ट्रांसपोर्टर्स परेशान नजर आए। आरोप लगाए कि कागजात जमा करने में टोल प्रशासन मनमानी कर रहा है। जिसके चलते कुछ लोग टोल प्लाजा की दूसरी खिड़कियों से अपने कागजात दे रहें हैं।
टैग के बदले पर्ची
शिकायत है कि गाजीपुर टोल पर आरएफआईडी टैग के बदले पर्चियां दी जा रही हैं, जोकि अगले एक सप्ताह तक एंट्री के लिए वैध है। वाहन चालकों का आरोप है कि टैग उपलब्ध नहीं है इसलिए ये पर्चियां देकर बेवकूफ बनाया जा रहा है। जबकि टोल प्वाइंट पर मौजूद कर्मचारियों की मानें तो लाइन से बचाने के लिए अभी के समय में पर्चियां दी जा रही हैं। उनका कहना है कि लंबी लाइन न लगें ऐसे में अभी के समय पर्ची ले जाकर काम चलाया जा सकता है, जबकि एक हफ्ते के भीतर इस पर्ची को दिखाकर टैग लिया जा सकता है।
निगम की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक निगम ने लगभग दो लाख आरएफआईडी टैग जारी कर दिए हैं। बता दें कि 23 अगस्त से राजधानी दिल्ली के 13 एंट्री प्वाइंट्स पर कमर्शियल वाहनों के लिए आरएफआईडी सिस्टम लागू कर दिया गया है।