नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के प्रधान समेत तीन सदस्यों पर भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज होगी या नहीं, पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है। इसलिए अब विपक्षियों की निगाहें पूरी तरह से कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।
दरअसल सोमवार को गुरुद्वारा कमेटी में कथित रूप से हुए भ्रष्टाचार के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट के सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा को फैसला सुनाना है। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने कमेटी प्रधान मनजीत सिंह जीके समेत कमेटी के संयुक्त सचिव अमरजीत सिंह पप्पू एवं कमेटी के निलंबित महाप्रबंधक हरजीत सिंह सूबेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
इस एफआईआर दर्ज करने के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई गई। जिसकी सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट ने अगले आदेशानुसार एफआईआर पर रोक लगा दी थी।
सरना का तंज…
बीते दिनों शिरोमणी अकाली दल प्रधान सुखबीर सिंह बादल के साथ मनजीत सिंह जीके का फोटो सोशल मीडिया के जरिए सामने आया है। इस पर शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने तंज कसते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार के आरोपी संग फोटो खिंचवाना इस बात की पुष्टि करता है कि बादल दल भ्रष्टाचार मामले में कितना संजीदा हैं।
उन्होंने कहा कि अगामी 19 जनवरी को होने वाले कार्यकारिणी चुनाव में भी कौन लोग शामिल होंगे यह फोटो इसकी बानगी भर है। सरना ने आरोप लगाया है कि 19 जनवरी को होने वाले कार्यकारणी समिति के चुनाव केवल दिल्ली की संगतों को गुमराह करने के लिए है।