डीयू के छात्रों ने डिजिटल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए शुल्क लेने के दिल्ली विश्वविद्यालय के कदम की निंदा की है। डीयू ने अब प्रत्येक डिजिटल डिग्री जारी करने के लिए 750 रुपये की राशि वसूलने का फैसला किया था। हालांकि इस निर्णय को अभी कोर्ट से मंजूरी नहीं मिली है।
एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद डीयू ने अपने स्नातकों को डिजिटल डिग्री जारी करने के आदेश को स्वीकार किया था। डिग्री के लिए एक ऑनलाइन तंत्र स्थापित करने के बाद भी, छात्र, प्रमाण प्रस्तुत करने की मांगों से परेशान थे। छात्रों से पूछताछ करने पर, यह पाया गया कि डिग्री जारी करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (डीएसई) से स्नातकोत्तर करने वाली मोनिका ने कहा, असंख्य छात्रों को अपनी डिग्री प्राप्त करना बाकी है। उनमें से कुछ पुराने बैचों से हैं- 2017 और 2018 के पास आउट हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के एक छात्र अखिल के.एम. कहते हैं, यूनिवर्सिटी और कंपनी के बीच डिजीटाइजिंग डिग्रियों को सौंपने के काम को लेकर बेहतर तालमेल की कमी है। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक, 27 हजार छात्रों का डाटा डीजी लॉकर के जरिए सुरक्षित करना शुरू कर दिया गया है। इससे छात्रों को डिजिटल डिग्री प्रदान करने में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय ने पारंपरिक तरीके से दी जाने वाली डिग्रियां छपवाने का आदेश भी जारी किया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में परीक्षा विभाग के ऑफिसिएटिंग डीन डीएस रावत ने कहा, हमने 27,000 छात्रों के डेटा को डिजीलॉकर में स्थानांतरित कर दिया है। उन छात्रों को डिजिटल डिग्री देना शुरू कर दिया है, जिनके पास अदालत के आदेश के अनुसार आवश्यकताओं के दस्तावेजी सबूत हैं। दीक्षांत समारोह के बाद अंतरिम डिग्री देना शुरू कर दिया गया है।
डीन डीएस रावत ने कहा, इसके साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय में 5,000 से अधिक डिग्रियों के मुद्रण का आदेश दिया। उन छात्रों को कंफर्ट लेटर जारी किया जा रहा है जिन्हें परीक्षा परिणाम की प्रतीक्षा है और अदालत के आदेश के अनुसार विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश पा रहे हैं। विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी छात्र पीड़ित न हो। बहुत जल्द हम बैकलॉग को भी पूरा कर देंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन कर चुके जिन छात्रों को अभी डिग्री नहीं मिली है, उनके लिए विश्वविद्यालय ने एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया है। इसके जरिए छात्रों को डिजिटल डिग्री, सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय ने डिग्रियों की प्रिंटिंग का काम भी शुरू कर दिया है।