दिल्ली में प्रदूषण की वजह से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है। इसका मुख्य कारण पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की वजह से दिल्ली-NCR में दिवाली से पहले ही हवा ज़हरीली होती जा रही है। GRAP यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के लागू किए जाने के बाद भी दिल्ली-NCR के प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई है।
मौसम विभाग की दलील है कि दिल्ली-NCR में तेज़ हवा बही तो प्रदूषण पर कुछ लगाम लग सकती है, लेकिन अभी इसके आसार नहीं बन रहे हैं। अगर हालात नहीं सुधरे तो GRAP यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स ऐक्शन प्लान के दूसरे चरण को लागू कर प्रदूषण पर लगाम कसने की कोशिश की जा सकती है। जिसके तहत अगले 48 घंटों में दिल्ली-NCR में निर्माण कार्यों और बाहर से आने वाले ट्रकों की एंट्री पर रोक लगाई जा सकती है।
अधिकारियों ने चेताया है कि आगामी कुछ दिनों में यह और ज्यादा खराब हो सकती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कुल मिलकार 301 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आता है। शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की एक चादर छाई रही और इस मौसम का अब तक का सबसे खराब एक्यूआई 324 दर्ज किया गया था।
(प्रदूषण के हालात)
बात करें मंगलवाल यानी आज की तो हालात बेहद खतरनाक स्थिति में है। टॉप 10 प्रदूषित इलाकों की सूची में दिल्ली के मुंडका, आनंद विहार, नेहरू नगर, वज़ीरपुर, द्वारका (सेक्टर 8), जहांगीरपुरी और बवाना के साथ-साथ झारखंड में धनबाद के निकट जोरापोखर, उत्तर प्रदेश में कानपुर के नेहरू नगर और उत्तर प्रदेश में ही बुलंदशहर के यमुनापुरम में भी प्रदूषण की स्थिति बहुत खराब रही है, हालांकि जोरापोखर और दिल्ली के बवाना में सोमवार आधी रात से मंगलवार सुबह 7 बजे के बीच हालात में कुछ सुधार हुआ, और इन दोनों ही स्थानों पर अब स्थिति खराब बताई गई है। वैसे, इनके अलावा दिल्ली से सटे वसुंधरा, गुरुग्राम, UP के मुज़फ़्फ़रनगर और हरियाणा के फरीदाबाद में भी स्थिति खराब ही बनी हुई है। वसुंधरा और मुज़फ़्फ़रनगर में तो सोमवार रात तक की स्थिति को बहुत खराब बताया गया था।