पटना : सरदार बल्लभ भाई पटेल के त्याग और समर्पण व समझदारी के कारण ही जवाहर लाल नेहरू आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। कश्मीर समस्या नेहरू की देन है। हिन्दुस्तान को आगे बढ़ाने में सभी नेताओं की देन रही है। पटेल चेतना मं च के सौजन्य से आयोजित सर दार बल्लभ भाई पटेल की 143वीं जयंती समारोह को संबोधित कर केन्द्रीय दूर संचार एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने सरदार बल्लभ भाई पटेल को भारत रत्न की उपाधि से विभूषित किये जाने पर रोक लगायी।
556 रियासतों में बंटी भारत में 555 रियासत को पटेल ने हैंडल किया और बचे रियासत कश्मीर को जवाहर लाल नेहरू ने किया। वहीं कश्मीर से आजपुरा भारत परेशान है। यह नेहरू की देन है। आजादी के बाद भारत का प्रधानमंत्री बनाये जाने के प्रस्ताव पर 15 राज्यों ने सरदार पटेल के पक्ष में था उसके बाद भी वे त्याग, समर्पण व समझदारी से काम लेते हुए गांधी जी के कहने पर अपने नाम के प्रस्ताव को वापस लिया और जवाहर लाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री बने। सरदार पटेल के कृति को नौजवानों के समक्ष रखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पटेल कांग्रेस भी चलाते थे और मृत्यु क पूर्व वे कांग्रेस पार्टी के जमा पैसा का लौटा दिये। उनका मानना था कि किसानों को जोड़े बिना देश का सही आजादी नहीं होगा। संसद में कांग्रेस जवाब नही देती हैं। देश को आगे बढ़ाने में सभी न ेताओं का देन है न कि केवल नेहरू परिवार का। पटेल के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में देश मजबूत बना है।
इस्लामिक देश प्रधानमंत्री को पुरस्कृत कर रहे हैं। राष्ट्रमंडल में भारत का सम्मान देकर बुलावा किया गया। जयंती समारोह को सांसद कौशलेन्द्र कुमार, विधायक नितीन नवीन, संजीव चौरसिया, पूर्व विधायक पूनम देवी, प्रेमरंजन पटेल, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, मुन्ना पटेल, सौरभ झा अमरेश सिंह, राकेश सिंह, शीतल सिंह, गोपाल सिंह, राजकुमार, शिवप्रसाद सिंह, नागेन्द्र सिंह, नागेन्द्र पटेल, गुडडू कुमार समेत अन्य नेताओं ने संबोधित किया।