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ED का खुलासा – कालरा ने सहयोगियों के साथ मिलकर बेचे 7,000 सांद्रक, छापे में शराब की 151 बोतले मिलीं

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कारोबारी नवनीत कालरा और उनके कुछ सहयोगियों के दिल्ली-एनसीआर में कई परिसरों पर शुक्रवार को छापेमारी की। ऑक्सीजन सांद्रकों की कथित जमाखोरी तथा कालाबाजारी के मामले में धन शोधन की जांच के तहत यह कार्रवाई की गयी।

 प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कारोबारी नवनीत कालरा और उनके कुछ सहयोगियों के दिल्ली-एनसीआर में कई परिसरों पर शुक्रवार को छापेमारी की। ऑक्सीजन सांद्रकों की कथित जमाखोरी तथा कालाबाजारी के मामले में धन शोधन की जांच के तहत यह कार्रवाई की गयी।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एजेंसी को पता चला है कि कारोबारी कालरा और उसके सहयोगियों ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान 7,000 ऑक्सीजन सांद्रकों का कारोबार किया। वहीं, दिल्ली में कालरा के परिसरों से शराब की 151 बोतलें भी बरामद की गयी।
सूत्रों ने बताया कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत कालरा और उसके परिवार, मैट्रिक्स सेलुलर सर्विसेज के निदेशक गगन दुग्गल, दिल्ली और गुरुग्राम में खान चाचा, टाउन हॉल और नेगा एंड जू जैसे रेस्तरां के 13 परिसरों में छापेमारी की गयी। ईडी के सूत्रों ने बताया कि संदेह है कि कालरा और उसके सहयोगियों ने महामारी की दूसरी लहर के दौरान 7,000 ऑक्सीजन सांद्रकों का कारोबार किया और इसकी छानबीन की जा रही है कि कितने सांद्रकों की खरीदारी हुई और कितने की बिक्री हुई।
ईडी के सूत्रों ने दावा किया कि कालरा और उसके सहयोगी ने पिछले एक महीने में चीन से 7,000 से ज्यादा ऑक्सीजन सांद्रकों का आयात किया और सांद्रक के जर्मन प्रौद्योगिकी से बने होने का दावा करते हुए महंगी कीमतों पर लोगों को इसकी बिक्री की। सूत्रों ने दावा किया कि आयात में एक सांद्रक की कीमत 15,000 रुपये आयी थी लेकिन उन्होंने प्रति सांद्रक 69,999 रुपये के हिसाब से बिक्री की।
उन्होंने कहा कि दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में कालरा और उनके परिवार के मंडी रोड परिसर में स्कॉच व्हिस्की की 151 बोतलें बरामद की गयी।
एजेंसी के अधिकारियों ने कालरा के बैंक खातों की भी जांच की। ईडी ने हाल ही में कालरा और अन्य के खिलाफ धनशोधन रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया था। इसके लिए ईडी ने पांच मई को दर्ज दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी का संज्ञान लिया था जब कुछ पुलिसकर्मियों ने कालरा के स्वामित्व वाले एवं उससे जुड़े कुछ परिसरों एवं रेस्तरां में छापे मारे थे।
पुलिस ने इन परिसरों से 524 से अधिक जीवनरक्षक मशीनें जब्त कर आरोप लगाया था कि इनकी जमाखोरी की गई और इन्हें काला बाजार में बेचा जा रहा था।
कालरा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि इन सांद्रकों को नियमित बिक्री के लिए रखा गया था। दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने बृहस्पतिवार को कालरा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
मैट्रिक्स सेलुलर ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि कंपनी और उसके कर्मचारियों के खिलाफ लगाए गए इन आरोपों से बहुत दुख हुआ है कि वे ऑक्सीजन सांद्रकों की जमाखोरी और कालाबाजारी में संलिप्त थे। मैट्रिक्स के कर्मी सभी कानूनों का पालन करते हुए इन ऑक्सीजन सांद्रकों को जल्द से जल्द ग्राहकों तक पहुंचाने के काम में जुटे हुए थे।बयान में कहा गया, ‘‘मैट्रिक्स आधारहीन आरोपों और ‘दिशाहीन जांच’ के खिलाफ मजबूती से अपनी दलीलें रखेगी और दिल्ली की मदद के लिए हमें जो करना चाहिए हम उसमें जुट जाएंगे।’’
अधिकारियों ने इससे पहले बताया कि एजेंसी इस बात की जांच करेगी कि क्या ऑक्सीजन सांद्रक अवैध रूप से जमा किए गए थे और कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के परिवारों या उनके तीमारदारों को बहुत ज्यादा कीमतों पर बेचे गए थे जो पीएमएलए के तहत परिभाषित ‘‘अपराध से प्राप्त सामग्रियों’’ के दायरे में आएगा।
प्रवर्तन निदेशालय को आरोपी से पूछताछ और बयान रिकॉर्ड करने की शक्ति प्राप्त होती है और वह जांच के दौरान उनकी संपत्ति भी कुर्क कर सकता है। इसके बाद वह विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष आरोप-पत्र दायर कर सकता है और धनशोधन रोधी कानून के तहत अपना अभियोजन चलाने का अनुरोध कर सकता है।
कालरा को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के कर्मियों ने गुरुग्राम से रविवार रात को पकड़ा था और अगले दिन औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया था। खान चाचा, टाउन हॉल और नेगा एंड जू जैसे अपने रेस्तरां से 500 से अधिक ऑक्सीजन सांद्रकों की जब्ती के बाद से कालरा फरार था। पुलिस ने कहा था कि कालरा के रेस्तरां से जब्त सांद्रक चीन से आयातित थे और उन्हें 16 हजार से 22 हजार रुपये के बजाय 50 हजार से 60 हजार की कीमत पर बेचा जा रहा था।
ऑक्सीजन सांद्रक कोविड-19 मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण उपकरण माने जाते हैं और संक्रमण की दूसरी लहर में इनकी भारी मांग है। पुलिस ने कालरा और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 188 (लोकसेवक के आदेश की अवज्ञा), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (समान मंशा) के तहत तथा आवश्यक सामग्री अधिनियम और महामारी रोग कानून के तहत आरोप लगाए हैं। 
पुलिस ने इस मामले में मैट्रिक्स सेलुलर कंपनी के सीईओ और उपाध्यक्ष समेत चार कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया है। हालांकि, अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है। कालरा पर मैट्रिक्स सेलुलर से सांद्रक खरीदने का आरोप है।

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