तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के खिलाफ कथित अपमानजनक लेख छापने को लेकर मंगलवार को गिरफ्तार किये गये तमिल पत्रिका नक्कीरन के संपादक आर. आर. गोपाल को रिहा कर दिया गया है।
पुलिस ने गोपाल को गिरफ्तार करने के बाद मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की लेकिन मजिस्ट्रेट ने पुलिस की मांग को खारिज कर दिया जिसके कुछ घंटे बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में बनवारी लाल पुरोहित ने ली शपथ
गोपाल की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गये थे और मीडिया कर्मियों तथा विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने श्री गोपाल की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की और इसे प्रेस की आजादी पर हमला करार दिया।
राजभवन की ओर से दर्ज करायी गयी शिकायत पर पुलिस अधिकारियों के दल ने गोपाल को चेन्नई हवाई अड्डे से मंगलवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के समय श्री गोपाल पुणे जाने वाले विमान में सवार होने वाले थे। गिरफ्तारी के बाद उन्हें पूछताछ के लिए चेन्नई हवाई अड्डे से चिंताद्रिपेट थाने ले गयी और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत मामला दर्ज किया।
मदुरै कामराज विश्वविद्यालय में सेक्स रैकेट को लेकर तमिल पत्रिका नक्कीरन की रिपोर्ट को लेकर राजभवन की शिकायत के बाद गोपाल को गिरफ्तार किया गया था जिसमें कहा गया था कि गोपाल ने अच्छे अंक तथा पैसों का प्रलोभन देकर वरिष्ठ अधिकारियों के पास छात्राओं को भेजने का प्रयास करने के आरोप में हाल ही में गिरफ्तार हुई सहायक प्रोफेसर निर्मला देवी के राज्यपाल कार्यालय से संपर्क होने की बात कही है।