पंतनगर : भारत सरकार द्वारा कृषकों की आय दुगुनी करने संबंधी बहुआयामी योजना के सफल क्रियान्वयन में कृषि कुम्भ के नाम से विख्यात पंतनगर किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी मील का पत्थर साबित होगी। कृषि प्रदर्शनी के माध्यम से कृषकों को जैविक खेती एवं कृषि का विविधिकरण अपनाने की तकनीक से अवगत कराया जा रहा है। जिससे कृषकों को उच्च तकनीकी के साथ-साथ आय संवर्धन में भी मदद मिलेगी। कुमाऊं आयुक्त एवं पंत विश्वविद्यालय के कुलपति राजीव रौतेला ने चार दिवसीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का विधिवत उदघाटन करने के पश्चात गांधी हाल में आयोजित कृषकों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि कृषक परम्परागत कृषि के साथ पशुपालन, कुक्कुट पालन, मौन पालन एवं मत्स्य पालन आदि का उत्पादन कर अपनी आय में वृद्धि कर सकते है। इसके लिए पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक उनको उच्च तकनीक से समय-समय पर अवगत कराते रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सन 2022 तक कृषकों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य है जिस पर पंतनगर विश्वविद्यालय प्रयासरत है।
कृषकों को मिले सरकारी नीतियों का लाभ
इस अवसर पर कृषि संबंधी पुस्तकों के विमोचन के साथ-साथ उत्तराखण्ड के प्रगतिशील कृषकों को भी सम्मानित भी किया गया, जिनमें ग्राम ढोरजा, चम्पावत से श्री ललित सिंह; रानी माजरा, जजुराली, पिथौरागढ़, श्रीमती रेखा भण्डारी, चमोली दिनेश मोहन सिंह; पहाड़पानी, नैनीताल कमलेश महतोलिया, फतेहपुर देहरादून, श्रीमती श्यामा देवी, टूनाकोट, अल्मोड़ा भीम सिंह, खैरना उधमसिंहनगर, बलराम सिंह, वाणसू, रूद्रप्रयाग से विजय सेमवाल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
– सुनील श्रीवास्तव