दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग तीनों नगर निगमों के विलय संबंधी विधेयक पर गौर करने के बाद अप्रैल के दूसरे सप्ताह में निकाय चुनाव के संबंध में कोई निर्णय ले सकता है। सूत्रों ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में कुछ वार्ड का पुनर्गठन हो सकता है, जिससे चुनाव में देरी हो सकती है।
तीन नही अब एक होगा दिल्ली का नगर निगम
सूत्रों के अनुसार दिल्ली में नगर निगम के वार्ड की संख्या 250 के आसपास की जा सकती है, वर्तमान में शहर में 272 नगरपालिका वार्ड हैं। दिल्ली नगर निगम (संशोधन विधेयक) को संसद के मौजूदा बजट सत्र में सदन में पेश किए जाने की संभावना है। यह संशोधन दिल्ली के तीनों नगर निगमों का आपस में विलय करके उन्हें एक बनाएगा।
नगर निगम को लेकर बढता जा रहा हैं सियासी टकराव
नगर निगम चुनाव को लेकर सियासी टकराव बढता जा रहा हैं। दिल्ली में सत्तारूढ आम आदमी पार्टी निगम चुनाव को लेकर केंद्र पर लगातार हमलावर हैं। हार के कारण डर बता रहे हैं। लेकिन सियासी शोर शराबे के बीच केंद्र सरकार ने कैबिनेट बैठक में दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
मेयर के आगे फीका पड़ जाएगा केजरीवाल का सीएम पद
दर्शल मेयर सीधा दिल्ली की जनता चुनकर भेजेगी व केजरी वाल विधायिका के प्रतिनिधित्व के समर्थन से सीएम बनकर आए हैं। लगातार पंद्रह सालों से भाजपा दिल्ली के तीनों नगर निगमों पर कब्जा जमाकर बैठी हैं। लेकिन दिल्ली विधायकी सत्ता केजरीवाल के पास हैं। जो एक -दूसरे के समांकित नही चल सकते हैं। इसलिए केजरीवाल और दिल्ली का मेयर एक की श्रेणी का व्यक्तित्व रखेंगी। अगर नगर निगम चुनाव में भाजपा बाजी मारने में कामयाब होती हैं। तो केजरीवाल को केंद्र शासित राज्य में सरकार चलाना आसान नही होगा। दिन प्रतिदिन विधायिका व शहर पार्षदों में टकराव की स्थिति उत्पन्न होगी।