नई दिल्ली: दिल्ली से भ्रष्टाचार पूरी तरह से दूर नहीं हुआ है। अब भी निचले स्तर पर काफी कर्मचारी भ्रष्टाचारी हैं। यह कहना है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का। गुरुवार को हार्वर्ड केनेडी स्कूल के सार्वजनिक नीति विषय के छात्रों के प्रतिनिधिमंडल दल से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली के अधिकारियों में काफी सुधार हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में भ्रष्टाचार का स्तर 85 फीसदी तक कम हुआ है लेकिन आज भी निचले स्तर पर कई ऐसे कर्मचारी हैं जो बिना रिश्वत के काम नहीं करते।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के हाथ बंधे हुए हैं। अधिकारों को लेकर मामला कोर्ट में हैं। हमें उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय जनवरी में दिल्ली सरकार के हित में फैसला देगा। यदि ऐसा होता है तो एक बार फिर से दिल्ली में 49 दिनों की तरह व्यवस्था लागू हो जाएगी। कर्मचारियों में डर होगा और वह रिश्वत लेने से बचेंगे।
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि हर ट्रैफिक सिग्नल पर एक पुलिस वाला खड़ा रहता है जो आने वाले ट्रकों से उगाही करता है। यह उनकी सप्ताहिक आय होती है। जब आप की 49 दिनों की सरकार बनी थी उस दौरान यह उगाही बंद हो गई थी। इसके अलावा अन्य तरह रिश्वतखोरी भी पूरी तरह से खत्म हो गई। लेकिन अब दिल्ली सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है।
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