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दिल्ली का हर बच्चा मेरे बेटे जैसा : केजरीवाल

मेरे जीवन में कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने शिक्षकों का काम किया है और मुझे बहुत कुछ सिखाया है। स्कूली स्तर पर शिक्षक ही छात्र की जिंदगी बदलता है।

नई दिल्ली : मेरे जीवन में कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने शिक्षकों का काम किया है और मुझे बहुत कुछ सिखाया है। स्कूली स्तर पर शिक्षक ही छात्र की जिंदगी बदलता है, इसलिए जीवन में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। यह बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को त्यागराज स्टेडियम में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कही। इस दौरान केजरीवाल ने 87 शिक्षकों व प्रधानाचार्यों को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। 
केजरीवाल ने कहा कि कोचिंग ना मिलने की वजह से होनहार बच्चे आगे नहीं बढ़ पा रहे थे, उस पर हमारी सरकार ने काम किया। अब सभी के लिए कोचिंग की व्यवस्था की है, जिसकी फीस सरकार देती है। उसी का परिणाम है कि आज एक दर्जी का लड़का आईआईटी में प्रवेश पा सका है और मेरे ही बेटे के साथ उसका दाखिला हुआ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली का हर बच्चा मेरे बेटे जैसा है और उन्हें हर सुविधा प्रदान करना उनका कर्तव्य है।
शिक्षकों ने बजाया डंका
सम्मान समारोह में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के शिक्षकों ने पूरे देश में शिक्षा का डंका बजाया है। उन्होंने अपनी मेहनत से सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से भी अच्छा बना दिया है। उन्होंने कहा कि हर किसी की जिंदगी में शिक्षकों की भूमिका अहम है। वर्ष 1983 में मेरे शिक्षकों ने मुझ से कहा था कि जो कर सकते हो, वही काम करो लेकिन, वह सर्व श्रेष्ठ होना चाहिए। उनकी बात मानते हुए ही मैंने आईआईटी की परीक्षा दी। 
स्कूली स्तर पर शिक्षक छात्र की जिंदगी बदलता है और यही काम मेरे साथ हुआ। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वर्ष 2015 में जब मुझे दिल्ली की जिम्मेदारी दी गई तो मैंने तय किया कि ऐसा क्या काम करूं, जिससे यहां की शिक्षा व्यवस्था उत्तम हो सके और संसाधनों की कमी के कारण कोई बच्चा अच्छा करने से रह न जाए। 
इसके लिए सबसे पहले सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को दुरूस्त करना जरूरी था। इसी कड़ी में काम करते हुए हमारी सरकार ने सरकारी स्कूलों वातावरण बढ़िया किया और उन्हें निजी स्कूलों से बेहतर किया है।

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