दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने राज्य में चल रही सीलिंग मुहिम को लेकर आप विधायक सौरभ भारद्वाज के पत्र का जवाब देते हुए आज लिखा कि इस ”संकट” से उबरने के लिये हर संभव समाधान तलाशे जा रहे हैं। नगर निगमों द्वारा चलाई जा रही सीलिंग मुहिम को लेकर ग्रेटर कैलाश से विधायक भारद्वाज ने पिछले सप्ताह बैजल को पत्र लिखकर उनके साथ आप विधायकों की मुलाकात के लिये समय मांगा था। निकाय नियमों के कथित उल्लंघन के लिये दिल्ली में नगर निगम बीते महीने से संपत्तियों के खिलाफ सीलिंग अभियान चला रहे हैं।
भारद्वाज को लिखे पत्र में उपराज्यपाल ने कहा कि सीलिंग एक जटिल मामला है और विधायक दिल्ली शहरी विकास मंत्री से अपने सुझाव साझा कर सकते हैं, जिनका विभाग सड़कों के पास स्थिति भूमि के मिश्रित उपयोग को अधिसूचित करने जैसे कुछ समाधानों के लिये जिम्मेदार है।
बयान में उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा, ”इस विषय पर न्यायिक घोषणाओं एवं मौजूदा कानून को ध्यान में रखते हुए इस संकट से उबरने के लिये सभी संभावित समाधान तलाशे जा रहे हैं।” इसमें कहा गया कि यह एक बहुत गंभीर मामला है और यह लाखों लोगों की आजीविका एवं दिल्ली के नियोजित विकास से जुड़ा है।
उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा, ”उपराज्यपाल ने चिंतित विधायकों की तारीफ की और रचनात्मक सुझावों का स्वागत करने की बात कही। लेकिन उन्होंने साथ ही सख्त हिदायत दी कि मामले को हल्के में न लिया जाए।” बहरहाल आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि सीलिंग मुहिम एवं खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के खिलाफ संसद तक मार्च निकालने के दौरान पुलिस ने इसके विधायकों आशुतोष, दिलीप पांडे एवं अन्य को गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शनकारी मार्च निकालने के लिये संसद मार्ग पर संसद पुलिस थाना के निकट जमा हुए थे।
हालांकि पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी। बाद में भारद्वाज ने कहा कि जिन आप विधायकों को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया वे उपराज्यपाल निवास पर पहुंचेंगे और दिल्ली में सीलिंग रोकने के लिये दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के मास्टर प्लान 2021 में तत्काल बदलावों की मांग करेंगे। उपराज्यपाल डीडीए के अध्यक्ष हैं।
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