दिल्ली के गार्गी कॉलेज छात्राओं से छेड़छाड़ घटना की पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज कहा कि छात्राओं के साथ कथित छेड़छाड़ के मामले में बाहरी तत्व शामिल रहे और संस्थान प्रशासन से कार्रवाई करने को कहा गया है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई के पूरक प्रश्न के उत्तर में पोखरियाल ने कहा कि सरकार गार्गी कॉलेज की घटना से अवगत है।
उन्होंने कहा, ‘‘घटना में बाहरी लोग शामिल थे, छात्र नहीं। यह अच्छी घटना नहीं थी। कॉलेज प्रशासन से कार्रवाई करने को कहा गया है।’’ गोगोई ने अपने प्रश्न में कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में यौन उत्पीड़न और डराने धमकाने के मामले सामने आते हैं जिन पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गार्गी कॉलेज में एक समारोह के बाद कुछ पुरुषों ने कथित तौर पर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की।
खबरों के मुताबिक कुछ छात्राओं ने छह फरवरी को कॉलेज में फेस्ट के दौरान की इस अप्रिय घटना के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालीं। उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मियों ने उपद्रवी समूहों को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि आईआईटी और आईआईएम जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों में पिछले पांच साल में छात्रों के पढ़ाई बीच में छोड़ने के मामलों में कमी आई है।
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उन्होंने कहा कि सरकार ने सुनिश्चित किया है कि हर संस्थान में काउंसलर हों जो छात्रों के साथ संपर्क में रहेंगे और उनके तनाव को दूर करने का प्रयास करें। इसके अलावा बीटेक जैसे पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों के लिए एमटेक आदि उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्ति जैसी आकर्षक योजनाएं शुरू की हैं जिनके अच्छे परिणाम सामने आये हैं।
पोखरियाल ने कहा कि संस्थानों के निदेशकों के लिए भी नेतृत्व क्षमता आदि के गुर सिखाने वाला लीप कार्यक्रम शुरू किया गया है और छात्रों के बीच में पढ़ाई छोड़ने की स्थिति में अन्य पाठ्यक्रमों की ओर जाने के संबंध में भी योजना पर सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इन सारे प्रयासों का परिणाम सामने आया है और ड्रॉपआउट की दर कम हुई है।