राष्ट्रीय राजधानी के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 11 फर्जी टीटीई ड्यूटी करते हुए गिरफ्तार किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार सभी युवक पिछले 15 दिनों से टीटीई की ड्यूटी कर रहे थे, लेकिन किसी को कानों-कान इस फर्जीवाड़े की खबर नहीं हुई। इस साजिश का खुलासा तब हुआ जब कानपुर शताब्दी एक्सप्रेस में रेलवे कर्मचारी द्वारा टीटीई वर्दी पहने एक नकली टीटीई को रोका गया जिनके मोबाइल फोन में रेलवे आई-कार्ड की कॉपी भी थी।
TTE की तरह ब्लैक पेंट और वाइट शर्त में आते थे
जानकारी के मुताबिक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर टीटीई बनकर बिना प्लेटफार्म टिकट के आने वाले लोगों से वसूली करते थे। खबरों के मुताबिक, भारतीय रेलवे अधिकारी को शक होने के बाद इन आरोपियों को पकड़ा गया है। आरपीएफ और रेलवे कर्मचारियों ने इन आरोपियों को रेलवे पुलिस के हवाले कर दिया है। खबरों के अनुसार, आरोपियों को बाकायदा प्लेटफॉर्म पर ड्यूटी दी गई थी। वे हूबहू टिकट कलेक्टर की तरह सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर ड्यूटी करने आते थे और ड्यूटी खत्म होने के बाद वापस चले जाते थे।
खबरों के मुताबिक, रेलवे डीसीपी हरेंद्र सिंह ने बताया कि जांच में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया और बाकियों की भूमिका को लेकर छानबीन की जा रही है। आरोपी की पहचान गोरखपुर के भूपेंद्र चौरसिया के रूप में की गई है। पूछताछ में इसने 10 अन्य के बारे में बताया है साथ ही कुछ आरोपियों के पास से फर्जी नियुक्ति के पत्र भी पाए गए हैं।
तीन नियुक्ति पत्र भी बरामद
पुलिस इस रैकेट के अन्य आरोपियों और मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए रेड कर रही है। पुलिस ने आरोपियों के पास से पांच मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। रिजवान मोहम्मद और भूपेंद्र चौरसिया के नाम पर दो रेलवे आई-कार्ड उनके मोबाइल फोन में मिले हैं। आरोपियों के मोबाइल फोन में तीन नियुक्ति पत्र भी मिले है।