डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े परिजन जीवित बच्चे को मृत घोषित करने के मामले में अब परिजन लापरवाही करने वाले डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए हैं। परिजनों ने शनिवार को भी अस्पताल के सामने धरना दिया। उनका कहना है कि जब तक उनके नवजात को जान से मारने की कोशिश करने वाले डॉक्टर की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक वे अस्पताल से नहीं हटेंगे। हालांकि अभी बच्चें की मां वर्षा की हालत स्थिर है। उसमें लगातार सुधार हो रहा है। हालांकि उसे कब तक छुट्टी दी जाएगी, इसके बारे में डॉक्टरों ने परिवार को कुछ नहीं बताया है।
परिवार से संपर्क का दावा गलत
नवजात के चाचा दीपक का कहना है कि अस्पताल का यह दावा गलत है कि वह हमारे संपर्क में हैं। अस्पताल की गलती सामने आने के बाद से अस्पताल की तरफ से किसी ने भी उनसे संपर्क नहीं किया है। न ही किसी ने उनसे इसे लेकर अपनी गलती मानी है और न ही उन्हें आरोपी के गिरफ्तारी को लेकर ही काई आश्वासन दिया है।
डीक्लेयर करना सही नहीं
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल बताते हैं कि केवल शरीर के तापमान में कमी आने पर किसी मृत घोषित करना सही नहीं है। क्योंकि शरीर के तापमान के मानक 95 डिग्री फारेनहाइट से कम होने को हाइपोथर्मिया कहते हैं। जो गंभीर अवस्था में 82 डिग्री से भी कम हो सकता है। हालांकि थर्मामीटर में इतना कम माप नहीं होता है। इसलिए तापमान कम होने पर पहले तापमान को ऊपर लाने की कोशिश करनी चाहिए। जब तापमान उपर आ जाए तो सीपीआर देनी चाहिए।
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