कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को आज 69वां दिन है। पिछले दो महीने से ज्यादा समय से चल रहा ये आंदोलन अक्टूबर से पहले खत्म नहीं होने वाला। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार ऐलान करते हुए आंदोलन पर एक नया नारा ‘कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं’ दिया।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, हमने सरकार को बता दिया कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी। नौजवानों को बहकाया गया, उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो। किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा, हमारा नारा है ‘कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं’।
किसान मोर्चा का ऐलान- उत्पीड़न बंद होने व हिरासत में लिए गए किसानों की रिहाई तक नहीं होगी बातचीत
इससे पहले, शिवसेना नेता संजय राउत ने भी गाजीपुर में किसानों के प्रदर्शन स्थल पर राकेश टिकैत से मुलाकात की थी। जिसके बाद राउत ने संवाददाताओं से कहा कि 26 जनवरी के बाद जिस तरह से यहां तोड़फोड़ हुई और टिकैत तथा आंदोलन के दमन की कोशिश की गई, हमने महसूस किया कि किसानों के साथ खड़े रहना और पूरे महाराष्ट्र, शिवसेना तथा उद्धव ठाकरे साहब की ओर से समर्थन करना हमारी जिम्मेदारी है।
गौरतलब है कि सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। दूसरी ओर गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद, किसान निकाय दबाव में थे, लेकिन अब विपक्षी राजनीतिक नेताओं ने आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए उनकी मदद की, जिससे आंदोलनकारियों का उत्साह और भर गया है।