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किसान संसद का दूसरा दिन हुआ समाप्त, शांतिपूर्ण तरीके से की गई कृषि कानूनों पर चर्चा

संसद का मॉनसून सत्र जारी है, ऐसे मे केंद्र सरकार के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने जंतर-मंतर पर एक किसान संसद का आयोजन किया। गुरूवार से शुरू हुई किसान संसद का शुक्रवार को दूसरा दिन था।

देश में संसद का मॉनसून सत्र जारी है, ऐसे मे केंद्र सरकार के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने जंतर-मंतर पर एक किसान संसद का आयोजन किया। गुरूवार से शुरू हुई किसान संसद का शुक्रवार को दूसरा दिन था, तो किसी भी तरह की हिंसक घटना को रोकने के लिए भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात था। जंतर-मंतर पर भारी-भरकम अवरोधकों के साथ प्रदर्शन स्थल पर किसानों का विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा।
किसानों ने ‘किसान संसद’ का आयोजन सदन अध्यक्ष हरदेव अर्शी, उपाध्यक्ष जगतार सिंह बाजवा और ‘कृषि मंत्री’ के साथ किया। किसान संसद में एक घंटे का प्रश्नकाल भी रखा गया था, जिसमें कृषि मंत्री पर सवालों की बौछार की गई, जिन्होंने केंद्र के नये कृषि कानूनों का बचाव करने की पुरजोर कोशिश की।
मंत्री ने संसद को बताया कि कैसे पैर फैलाती कोवि़ड वैश्विक महामारी के बीच, किसानों को उनके घरों को लौटने और उनसे टीका लगवाने का अनुरोध किया गया था। हर बार जब मंत्री संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते, सदन के सदस्य उन्हें शर्मिंदा करते, अपने हाथ उठाते और उनके जवाबों पर आपत्ति जताते। बाजवा ने बाद में मीडिया से कहा,‘‘ कृषि मंत्री सवालों के जवाब देने में नाकाम रहे,जिसके चलते संसद के सदस्यों ने मंत्री को शर्मिंदा किया,जिससे बाधा हुई।’’
उन्होंने कहा,‘‘ प्रश्न पूछा गया कि जब प्रधानमंत्री ने स्वयं इस तथ्य पर जोर दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य था, यह वर्तमान में भी है और यह रहेगा तो फिर इसे कानून बनाने में क्या समस्या है। अगर सभी तीनों कृषि कानून किसानों के लिए बनाए गए हैं तो उन्हें रद्द करके और किसानों से विचार विमर्श करके दोबारा बनाया जाए।’’ अर्शी खान ने कहा कि किसान संसद की कार्यवाही अल्प समय के लिए स्थगित की गई और शुक्रवार की कार्यवाही भी ‘‘उसी प्रकार से हुई जैसे असल संसद में चलती है।’’
संसद में जारी मॉनसून सत्र के साथ केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करने के लिए 200 किसानों का एक समूह बृहस्पतिवार को मध्य दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचा। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने जंतर मंतर पर अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक प्रदर्शन की विशेष अनुमति दी है। जंतर-मंतर संसद परिसर से महज कुछ मीटर की दूरी पर है।

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