देशभर के अन्नदाता किसान फसल की उचित कीमत सहित अन्य मांगों को लेकर एक बार फिर दिल्ली में 29 और 30 नवंबर को जुटेंगे। विभिन्न राज्यों में कार्यरत 207 किसान संगठनों ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले दिल्ली के रामलीला मैदान में दो दिवसीय किसान महासम्मेलन का आयोजन किया है। समिति के अध्यक्ष वी.एम. सिंह ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि तीन दिन के इस आंदोलन के दौरान 28 नवंबर को सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि दिल्ली के सीमावर्ती शहरों फरीदाबाद, गाजियाबाद और गुरुग्राम में एकत्र होंगे। इसके बाद सभी किसान संगठन दो दिवसीय किसान महासम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये पैदल मार्च कर रामलीला मैदान पहुंचेगे।
इस दौरान स्वराज इंडिया के संयोजक और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के सदस्य योगेन्द्र यादव ने कहा कि सम्मेलन के पहले दिन किसानों की मौजूदा हालत और सरकार की ओर से किए गए वादों की पूर्ति के दावों की हकीकत पर चर्चा की जाएगी। सरकार पर किसानों की मांगों को पूरा करने का दबाव बनाने के लिये विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का मकसद किसानों की दो मुख्य मांगों (किसानों की कर्जमाफी के केन्द्र और राज्य सरकारों के वादे को पूरा किया जाये और किसानों को फसल का उचित मूल्य मिले) को पूरा करवाने के लिये सरकार पर दबाव बनाना है। इस दौरान संघर्ष समिति के सदस्य और माकपा नेता हनान मोला ने कहा कि किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय फलक पर उठाने के लिये इस आंदोलन की रूपरेख तय की गई है।
उन्होंने दावा किया कि किसान आंदोलन का यह दौर दो दशक पहले दिल्ली के बोट क्लब में किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत द्वारा आयोजित ऐेतिहासिक किसान रैली के समान होगा।