लगभग एक साल पहले केंद्र की मोदी सरकार ने तीन नए कृषि कानूनों को पारित किया था, इसके बाद काफी बवाल हुआ और विपक्ष समेत किसानों के कुछ सगंठनों ने इसका पुरजोर विरोध किया है। अब विरोध-प्रदर्शन का यह सिलसिला काफी बड़ा हो गया है और देश में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे किसानों के 10 घंटे का भारत बंद अब समाप्त हो गया है।
किसानों के हटने के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली की तरफ से ट्रैफिक खोल दिया गया, जिससे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के दिल्ली से गाजियाबाद की तरफ जाने वाली सड़क पर ट्रैफिक संचालन सामान्य हो गया। इससे पहले देशव्यापी विरोध के तहत, किसानों ने आज सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक राजधानी दिल्ली की ओर जाने वाले प्रमुख रास्तों को ब्लॉक कर दिया था।
इसके अलावा भारत बंद के दौरान दिल्ली में बाजार खुले रहे और व्यावसायिक गतिविधियां काफी हद तक प्रभावित नहीं हुई। हालांकि, प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़कों को ब्लॉक करने और पुलिस द्वारा सुरक्षा जांच के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर यातायात जाम देखा गया। दिल्ली में ऑटो-रिक्शा तथा टैक्सी सामान्य रूप से सड़कों पर चलती नजर आईं और अधिकतर दुकानें भी खुली दिखीं।
उनकी यूनियन तथा संघों ने किसानों के बंद को केवल सैद्धांतिक समर्थन देते हुए हड़ताल नहीं करने का फैसला किया। बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने कुछ प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया था जिससे राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में सुबह के समय यातायात बाधित रहा।
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान यूनियन द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के कारण सोमवार को करीब 25 ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। उत्तर रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर संभागों में 20 से अधिक स्थानों पर जाम हैं। इसके कारण करीब 25 ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है।’’
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-अमृतसर शान-ए-पंजाब, नई दिल्ली-मोगा एक्सप्रेस, नई दिल्ली से कटरा जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस और अमृतसर शताब्दी आदि प्रभावित ट्रेनों में शामिल हैं। किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों के पारित होने के एक साल पूरा होने पर सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया है। बंद सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक प्रभावी रहेगा।