फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी देने समेत अन्य मांगों को लेकर दो केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद पंजाब-हरियाणा किसान मंगलवार को दिल्ली की ओर कूच करेंगे। हरियाणा में प्राधिकारियों ने कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटीली तारों का इस्तेमाल कर अंबाला, जींद, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सिरसा में कई स्थानों पर पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं पर सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी है। हरियाणा सरकार ने भी 15 जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत पाबंदियां लागू की हैं जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने और ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर रोक है।
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के वास्ते कानून बनाने सहित अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को दिल्ली कूच करेंगे। किसानों ने सुबह 10 बजे मार्च शुरू करने की घोषणा की है। उनकी अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और दबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर कूच करने की योजना है। सोमवार देर रात को केंद्र सरकार के साथ पांच घंटे से अधिक वक्त तक चली दूसरे चरण की बैठक के बाद किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा, हमें नहीं लगता कि सरकार हमारी किसी भी मांग पर गंभीर है। हमें नहीं लगता कि वे हमारी मांगों को पूरा करना चाहते हैं, हम कल सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। हालांकि, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक में शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है और सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि शेष मुद्दों को एक समिति के गठन के माध्यम से सुलझाया जाए। मुंडा ने बैठक के बाद कहा, सरकार हमेशा चाहती है कि हम हर मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझा सकें, हम अब भी आशान्वित हैं और बातचीत का स्वागत करते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सरकार एमएसपी पर कानूनी गांरटी, कर्ज माफी और स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशों को लागू करने के मुद्दों पर एक समिति गठित करना चाहती है। उन्होंने कहा, हम एक मंच पर अपने किसानों को बताएंगे कि बैठक में क्या हुआ। दिल्ली चलो मार्च के आह्वान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, दिल्ली की ओर कूच करना हमारी मजबूरी है। एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। सोमवार को पंजाब के विभिन्न हिस्सों से ट्रैक्टर-ट्रॉली प्रदर्शन में भाग लेने के लिए बाहर निकलीं। अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार कई किसान संगरूर जिले में महलान कलां चौक पर एकत्रित हुए।
किसान संघों के झंडों वाली ट्रैक्टर-टॉली पर किसानों ने सूखा राशन, गद्दे और बर्तन समेत अन्य आवश्यक सामान बांधा। ट्रैक्टर ट्रॉली के काफिले में एक खुदाई मशीन थी। अमृतसर में एक किसान ने कहा कि इसका इस्तेमाल अवरोधक तोड़ने में किया जाएगा। हरियाणा में अर्द्धसैन्य कर्मियों की 64 कंपनियां और हरियाणा पुलिस की 50 कंपनियों को विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है। ये कर्मी दंगा-रोधी वर्दी पहने हुए हैं और सीमाओं पर तथा संवेदनशील जिलों में तैनात हैं। एक प्रवक्ता ने बताया कि बदमाशों और असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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