एक तरफ जहां दिल्ली पुलिस दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर सिंघु और टिकरी में प्रवेश/निकास बिंदुओं पर प्रदर्शनकारी किसानों से निपटने में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी तरफ शनिवार को यह जानकारी मिलने के बाद कि दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर भी किसान एक अलग मोर्चे का आह्वान कर सकते हैं, पुलिस को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन ने भी दिल्ली के लिए मार्च किया है। किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों के मसले को हल करने में नाकाम रही है। हम अब दिल्ली जा रहे हैं।
केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के रद्द करने की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा से किसान राजधानी की ओर प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ते चले जा रहे हैं, जिसके चलते दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर प्रवेश और निकास बिंदुओं का बैरिकेडिंग कर बंद कर दिया गया है और पुलिस व अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी कर दी गई है, ताकि आसपास के राज्यों से किसानों के प्रवेश को हरसंभव तरीके से रोका जा सके।
डीसीपी ईस्ट जसमीत सिंह ने बताया, ‘हमने यूपी की तरफ से किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए गाजीपुर और चिल्ला सीमा सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्याप्त व्यवस्था की है। हम किसानों के विरोध के मद्देनजर उत्तर प्रदेश पुलिस के लगातार संपर्क में हैं।’
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के समर्थकों और किसानों द्वारा शुक्रवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हरियाणा और पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में राजमार्ग अवरुद्ध कर दिए गए। बीकेयू के कार्यकताओर्ं और किसानों ने सड़कों पर भीड़ लगाकर यमुना एक्सप्रेस-वे पर जाम लगा दिया। एक शादी की बारात कई घंटों तक इस जाम में फंसी रही।
सड़कों में जमा हुई इस भीड़ के चलते आगरा से मथुरा जाने वाली सड़क पर यातायात बाधित हुई। बागपत, मुजफ्फरनगर, मेरठ और बिजनौर में भी किसानों के इस प्रदर्शन के चलते कई जगह राजमार्गों पर यातायात बाधित हुई। बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में किसान पंजाब और हरियाणा में अपने समकक्षों का पूरा समर्थन कर रहे हैं और हमारा विरोध जारी रहेगा।’