कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने के लिए कांग्रेस नेताओं के साथ सड़कों पर उतरी प्रियंका गांधी वाड्रा को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय से कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च आरंभ किया जिसे कुछ ही दूरी पर पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद कांग्रेस के नेता वहीं बैठ गए और प्रदर्शन किया। बाद में इन नेताओं को हिरासत में लिया गया।
हालांकि कुछ देर बाद प्रियंका समेत समेत सभी कांग्रेस नेताओं को रिहा कर दिया गया है। हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका ने कहा, ‘‘अगर हर चीज के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराते हैं तो सरकार पांच साल तक नहीं चल सकती। जनता के प्रति सरकार की जिम्मेदारी है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार किसानों की आवाज सुनेगी तो इस मामले का हल निकलेगा।
उन्होंने “इस सरकार के खिलाफ किसी भी तरह के असंतोष को आतंक बता दिया जाता है । हम किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च निकाल रहे हैं।” कभी-कभी वे कहते हैं कि हम इतने कमजोर हैं कि हम विपक्ष के रूप में अर्हता प्राप्त नहीं करते हैं और कभी-कभी, वे कहते हैं कि हम इतने शक्तिशाली हैं कि हमने लाखों किसानों को एक महीने के लिए सीमा (दिल्ली की सीमा) पर बनाया है। उन्हें पहले यह तय करना चाहिए कि हम क्या हैं।
किसानों के लिए उनके (भाजपा नेताओं और समर्थकों) नामों का इस्तेमाल करना पाप है। अगर सरकार उन्हें देश विरोधी कह रही है, तो सरकार पापी है। सरकार के दिल में किसानों के लिए कोई इज्जत नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के कई नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को करीब दो करोड़ हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन सौंऐंगे और कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करेंगे।